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गाड़ी आती है या बाहर फेंकना पड़ता है कचरा

locationजबलपुरPublished: Sep 16, 2019 12:31:45 pm

Submitted by:

gyani rajak

रहवासियों से पूछा कितना कम किया प्लास्टिक का उपयोग, ओएफके, जीसीएफ और वीएफजे इस्टेट का ऑडिट, ओएफबी से आई टीम ने किया आंकलन, तैयार की रिपोर्ट

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ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) ने स्वच्छता के लिए सर्वे कराया है। इस काम के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जबलपुर भेजा गया था। उन्होंने न केवल रहवासियों से सवाल पूछे, बल्कि अलग-अलग स्थानों पर सफाई देखकर रिपोर्ट तैयार की।, ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) ने स्वच्छता के लिए सर्वे कराया है। इस काम के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जबलपुर भेजा गया था। उन्होंने न केवल रहवासियों से सवाल पूछे, बल्कि अलग-अलग स्थानों पर सफाई देखकर रिपोर्ट तैयार की।, ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) ने स्वच्छता के लिए सर्वे कराया है। इस काम के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जबलपुर भेजा गया था। उन्होंने न केवल रहवासियों से सवाल पूछे, बल्कि अलग-अलग स्थानों पर सफाई देखकर रिपोर्ट तैयार की।

जबलपुर. आपने प्लास्टिक का उपयोग कितना कम किया। क्या प्रबंधन की तरफ से इसके लिए कोई जन जागरुकता अभियान चलाया गया। डोर टू डो कचरा कलेक्शन होता है या फिर खाली जगहों पर इसे फेंकना पड़ता है। इस प्रकार के सवाल शहर की सभी ऑर्डनेंस फैक्ट्री के इस्टेट में रहने वाले लोगों से किए गए। ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) ने स्वच्छता के लिए सर्वे कराया है। इस काम के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जबलपुर भेजा गया था। उन्होंने न केवल रहवासियों से सवाल पूछे, बल्कि अलग-अलग स्थानों पर सफाई देखकर रिपोर्ट तैयार की।

केन्द्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया (ओएफके), गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) और वीकल फैक्ट्री जबलपुर (वीएफजे) के इस्टेट का सर्वे कराया। इसमें डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, ई-वेस्ट, सीवेज, पौधरोपण की स्थितियों का आंकलन किया गया। अलग-अलग स्थानों पर बने कर्मचारी एवं अधिकारी आवासों में जाकर फीडबैक लिया। इस काम के लिए ओएफबी ने डिप्टी डायरेक्टर जनरल एसके पटनायक एवं डायरेक्टर शरद राव को जबलपुर भेजा था। उन्होंने इन निर्माणियों के इस्टेट में सफाई व्यवस्था का आंकलन किया।

खमरिया लेक से प्रभावित
सर्वे टीम के सदस्यों ने ओएफके के वेस्टलैंड क्षेत्र में बनी खमरिया लेक को देखा। टीम इससे प्रभावित हुई। इसी जगह पर योगा सेंटर और व्यायाम के लिए भी उपकरण लगाए गए हैं। उन्होंने इसे नायाब करार दिया। इसी प्रकार जीसीएफ और वीएफजे इस्टेट की सडक़ों से लेकर स्कूल और आवासीय इलाकों में सफाई व्यवस्था का आंकलन किया। तीन दिन तक सर्वे के उपरांत टीम वापस दिल्ली लौट गई।

वेस्ट इस्टेट का मिलेगा दर्जा

इस सर्वे के जरिए वेस्ट इस्टेट का दर्जा दिया जाएगा। देशभर की आयुध निर्माणियों के इस्टेट में यह सर्वे किया जाना है। दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर वेस्ट इस्टेट का चयन किया जाएगा। सर्वे के जरिए इन निर्माणियों के महाप्रबंधकों के एसीआर का निर्धारण भी होगा।

कितना एरिया और आवास

निर्माणी- क्षेत्रफल- क्वार्टर संख्या
ओएफके- 4500- 3000

जीसीएफ- 1000- 1500
वीएफजे- 980- 2200

जीआईएफ- 80- 300

नोट: क्षेत्रफल एकड़ में, क्वार्टर संख्या अनुमानित।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत ओएफबी की टीम ने इस्टेट का ऑडिट किया है। टीम अलग-अलग जगहों पर गई। अधिकारियों ने कर्मचारी एवं उनके परिजनों से फीडबैक लिया।
अमित सिंह, जनसम्पर्क अधिकारी, ओएफके

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