पति की मौत कई साल पहले हो चुकी है
जानकारी के अनुसार रामबाई वर्मन पति रिक्खीलाल 70 कटंगीकला के पति की मौत कई साल पहले हो चुकी है। पति रेलवे में संदेश वाहक थे। हर माह 10 हजार 500 रुपए पेंशन मिलता है। जिससे उसकी व उसके बेटे की रोजी रोटी चलती है। जिंदगी की जंग में वृद्धा की हाथ की लकीरे मिट गई है। 20 साल पहले ही उसे दिखना बंद हो गया है। पति की पेंशन व बेटे के सहारे जिंदगी काट रही वृद्धा को तेज धूप में परेशान होना पड़ा। इस उम्र में आधार कार्ड न पाने कारण दो माह से पेंशन नहीं मिल रही है।
जानकारी के अनुसार रामबाई वर्मन पति रिक्खीलाल 70 कटंगीकला के पति की मौत कई साल पहले हो चुकी है। पति रेलवे में संदेश वाहक थे। हर माह 10 हजार 500 रुपए पेंशन मिलता है। जिससे उसकी व उसके बेटे की रोजी रोटी चलती है। जिंदगी की जंग में वृद्धा की हाथ की लकीरे मिट गई है। 20 साल पहले ही उसे दिखना बंद हो गया है। पति की पेंशन व बेटे के सहारे जिंदगी काट रही वृद्धा को तेज धूप में परेशान होना पड़ा। इस उम्र में आधार कार्ड न पाने कारण दो माह से पेंशन नहीं मिल रही है।
गोद में लेकर पहुंचा बेटा
बुधवार को बेटा रवि कुमार बर्मन किसी तरह गांव से बीमार मां को कलेक्ट्रेट आधार कार्ड बनवाने के लिए लेकर पहुंचा। गोद में कलेक्ट्रेट गेट से लेकर आधार केंद्र तक लेकर गया। कई घंटे तक आधार कार्ड के लिए वह इंतजार करता रहा। रवि का कहना था कि पूर्व में वह कई बार आधार कार्ड बनवाने आया है। उसे कह दिया जाता था कि दिव्यांग का कार्ड नहीं बनता। अब उनका भी बनने लगा है। तब वह मां को केंद्र लेकर आया है। आधार कार्ड नहीं होने से मां की पेंशन रुक कई है। जिससे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।