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कहीं एक झटका न बिगाड़ दे आपकी सेहत

locationजबलपुरPublished: Mar 02, 2019 12:34:37 pm

Submitted by:

manoj Verma

कमर तोड़ रहे स्पीड ब्रेकर , असहनीय हो गया स्पीड ब्रेकरों का झटका, ब्रेकर बनाने का निर्धारण नहीं

speed breaker

कमर तोड़ रहे स्पीड ब्रेकर

जबलपुर। आप दो पहिया वाहन से शहर में चल रहे हैं तो सतर्क रहें। स्पीड ब्रेकर देखते ही अपने वाहन की रफ्तार कम कर दें। वरना हो सकता है कि एक झटका आपकी कमर तोड़ दे। हो यह रहा है कि जल्दीबाजी के कारण लोग स्पीड ब्रेकर पर जैसे-तैसे वाहन निकाल तो लेते हैं लेकिन लगातार ब्रेकर पर पडऩे वाले झटके से उनकी कमर सहित गर्दन पर असर पड़ रहा है। लोग कमर और गर्दन दर्द से पीडि़त हैं। डॉक्टर भी यही कह रहे हैं कि स्पीड ब्रेकर पर पडऩे वाला झटका खतरनाक हो सकता है, जो आपका बिस्तर पर लिटा सकता है।
स्मार्ट सिटी सहित शहर भर में बने स्पीड ब्रेकरों का कोई मापदंड नहीं है। जैसा मन आ रहा वैसा काम किया जा रहा है। नौबत यह हो गई कि एक रोड पर आठ-आठ ब्रेकर हैं। ब्रेकरों से गुजरते समय पडऩे वाले झटके से लोग असमय हड्डी और जोड़ों के दर्द से कराहने लगे हैं। विभिन्न जगहों पर डामर, कॉन्क्रीट और प्लास्टिक के भी स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं। जानकारों का कहना है कि एक सर्वे में यह सामने आया है कि दो पहिया वाहन चलाने वाले सर्वाधिक कमर दर्द से पीडि़त हैं। डॉक्टरों के मुताबिक ब्रेकरों में पडऩे वाले झटके की वजह से लोगों की कमर सहित गर्दन प्रभावित हो रही है।
जबलपुर.शहर के तकरीबन सभी जगहों पर स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं। ब्रेकर बनाने में मनमानी की जा रही है। ये ब्रेकर गलियों में तक हैं, जहां ट्रैफिक का दबाव भी नहीं है। ब्रेकर बनाने में स्थिति यह हो गई है कि सड़क बनते ही उस पर ब्रेकर बना दिया जा रहा है। ब्रेकर तो बना दिया जा रहा है लेकिन उसकी बनावट खतरनाक है, जो लोगों का स्वास्थ्य खराब कर रही है। शहर में दौडऩे वाले दो पहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इनके वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं तो वहीं इनकी कमर भी टूट रही है।
एेसे बने हैं स्पीड ब्रेकर
शहर की सड़कों पर सड़क के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक कॉन्क्रीट, डामर का मिश्रण बनाकर उसे करीब नौ इंच की मोटाई में गोलाकार रख दिया जाता है। इसकी सूखने तक हिफाजत की जाती है। मिश्रण के पक्का होने के बाद इसे छोड़ दिया जाता है। स्पीड ब्रेकर में दोनों ओर ढाल नहीं दिया जाता है। दो पहिया वाहन का पहिया पड़ते ही वाहन उछल जाता है, वह वाहन किसी भी रफ्तार में क्यों न हो।
ये है ब्रेकर के नियम
स्पीड ब्रेकर की लंबाई बारह इंच होनी चाहिए।ब्रेकर के बीच की उंचाई छह इंच होनी चाहिए। उंचाई के दोनों ओर शून्य तक लैंडिंग होनी चाहिए। ब्रेकर में पीले और काले रंग का पेंट या रंग लगाना जरूरी है। ब्रेकर के बीस फीट पहले संकेतक होना चाहिए।
मनमाने ब्रेकर से नुकसान
वाहन क्षतिग्रस्त- मनमाने ब्रेकर से लोगों को काफी नुकसान हो रहा है। ब्रेकर में वाहन के जंप करने से वाहन में टूट-फूट हो रही है। वाहन के शॉकअप जल्द खराब हो रहे हैं। जगह-जगह ब्रेकर होने की वजह से वाहन में ब्रेक लगाने और फिर रफ्तार देने से पेट्रोल की खपत ज्यादा हो रही है। वाहन मैकेनिकों का कहना है कि स्पीड ब्रेकरों की वजह से रफ्तार को नियंत्रित करने और स्पीड ब्रेकर के जंप करने का पूरा वजन टायरों पर ज्यादा पड़ता है, इससे वाहनों का टायर समय से पहले खराब हो रहा है।
कमर और गर्दन में दर्द- दो पहिया वाहन चलाने वाले अधिकांश लोगों को कमर और गर्दन में दर्द की शिकायतें होने लगी है। इसमें कम उम्र के लोग भी शामिल हैं। चिकित्सकों का कहना है कि पहले एेसी शिकायतें पचास वर्ष की उम्र में ज्यादातर आती थी लेकिन अब तो जवान लोगों में भी ये दिक्कत सामने आ रही है। होता यह है कि स्पीड ब्रेकर में वाहन के जंप करने से लोगों को झटके का असर कमर और गर्दन पर पड़ रहा है।
ये कहते हैं डॉक्टर
जिला अस्पताल में एमडी डॉ. संदीप भगत ने बताया कि स्पीड ब्रेकर पार करते समय वाहन पर पडऩे वाला झटका चालक के लिए खतरनाक है। एेसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें स्पीप डिस्क, सर्वाइकल स्पॉडेलाइटिस आदि जैसी समस्या से लोग असमय पीडि़त हो गए हैं। यह समस्या अब वर्र्किंग महिलाओं में भी सामने आ रही हैं।
डॉ. नरेन्द्र खेत्रपाल का कहना है कि स्पीड ब्रेकर पर झटके को वाहन का शॉकअप संभालता लेकिन बार-बार झटके का असर चालक पर पड़ता है। चालक की रीढ़ पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इससे रीढ़ की गुरियों में अंतर आ जाता है, जो कमर दर्द का कारण बन रहा है।
शहर के 15 वार्डों में जरूरत होने पर सहायक यंत्री स्पीड ब्रेकर बना रहे हैं। स्पीड ब्रेकर की मरम्मत संभागीय जोन कार्यालय के आधीन है। स्पीड ब्रेकर का मापदंड तय है, यदि स्पीड ब्रेकर में गड़बड़ी सामने आ रही है तो इसकी जांच की जाएगी।
एसके द्विवेदी, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम
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