जबलपुर।
बोर्ड परीक्षाएं भले ही रदद् कर दी गई हों लेकिन प्रेक्टिकल परीक्षाएं ऑनलाइन ली जा रही हैं। इसकी शुरुआत जिले के स्कूलों में हो चुकी है। इसतरह की पहली मर्तबे परीक्षा हो रही है जिसमें छात्र, शिक्षक, एक्सर्टनल, इटरनरल ऑनलाइन एग्जाम ले रहे हैं। इसमें ऑनलाइन वायवा से लेकर कैल्कूलशेन,फामूर्ला आदि को पूछा जा रहा है। इसके आधार पर छात्रों का इंटरनरल असिस्मेंट हो रहा है। कोराना संक्रमण को देखते हुए छात्र घर पर रहकर ऑनलाइन प्रैक्टिकल में शामिल हो रहे हैं। यह व्यवस्था सीबीएससी बोर्ड द्वारा 11 जून से शुरू कर दी गई है। इसकी विशेषता है कि हर छात्र, बैच की रिकार्डिंग भी की जा रही है।
जिले में करीब 5000 छात्र
जानकारों के अनुसार प्रैक्टिकल एग्जाम में जिले में करीब 5 हजार छात्र शामिल हो रहे हैं। सीबीएसई स्कूलों को 28 जून तक प्रेक्टिकल एग्जाम कराने कहा गया है। ऐसे में स्कूलों द्वारा अपना-अपना शेड्यूल फिक्स किया है। छात्रों को बैच के अनुसार बांटा गया है। एक समय साइंस विषय के प्रेक्टिकल एग्जाम होते थे लेकि अब दो दर्जन से अधिक विषयों में भी प्रेक्टिकल होने लगे हैं।
साइंस में डिटेल वायवा
सीबीएसई बोर्ड के सिटी को-आर्डिनेटर एवं ज्ञानगंगा स्कूल के प्रिंसपल डॉ.राजेश चंदेल कहते हैं कि साइंस विषय में बॉयोलॉजी, कैमेस्ट्री, फिजिक्स के प्रेक्टिकल लैब में आकर छात्रों को करना पड़ता है। स्कूल बंद है छात्रों को बुला नहीं सकते। ऐसे में इन विषयों के छात्रों से डिटेल वायवा लिया जा रहा है। छात्रों से कैमेकिल रियेक्शन, फार्मूला, सिद्धांत, विश्लेशण के अलावा प्रेक्टिकल में उपयोग होने वाले उपकरणों तक की जानकारी ली जा रही है। एक्सर्टनल यह जान सके कि किस प्रेक्टिकल के लिए किस फामॅूले और उपकरण का उपयोग कर छात्र निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
रिकार्डिंग भेजकर होगा सत्यापन
स्कूलों में प्रेक्टिकल एग्जाम को लेकर पारदर्शिता रहे इसे लेकर प्रत्येक छात्र की वीडियो रिकार्डिंग, स्क्रीन शॉट को स्कूलों को लेना होगा। इसे सीबीएसई बोर्ड को मांगने पर कभी भी उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे में संबंधित स्कूल के साथ साथ छात्र, एक्सटर्नल एवं इंटरनरल एक साथ रहकर एग्जाम कराने में जुटे हुए हैं। स्कूलों को भी हर प्रेक्टिकल के लिए निगरानी करनी पड़ रही है। स्कूलों द्वारा 10 से 20 बच्चों के बैच बनाकर प्रेक्टिकल परीक्षाएं लाइव मोड पर ली जा रही हैं।