बल्क में भेज रहे मैसेज
वॉट्सअप, फेसबुक, ट्यूटर, ईमेल सहित अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से लोगों के पास बल्क में मैसेज भेजे जा रहे हैं। यहीं नहीं कुछ जालसाज लोगों के पास सीधे कॉल कर नामी कम्पनियों का माल सस्ते में खरीदने का ऑफर कर रहे हैं।
वॉट्सअप, फेसबुक, ट्यूटर, ईमेल सहित अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से लोगों के पास बल्क में मैसेज भेजे जा रहे हैं। यहीं नहीं कुछ जालसाज लोगों के पास सीधे कॉल कर नामी कम्पनियों का माल सस्ते में खरीदने का ऑफर कर रहे हैं।
15 शिकायतें पहुंची
जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह में स्टेट सायबर सेल और पुलिस के पास इस तरह की 15 शिकायतें पहुंची हैं, इसमें लोगों के खाते से पैसे कट गए। अधारताल कंचनपुर निवासी श्यामसुंदर वर्मा ने शिकायत कर बताया कि ईमेल पर मोबाइल सस्ते में खरीदने के चक्कर में उनके खाते से आठ हजार रुपए कट गए, वहीं बिलहरी निवासी पंकज आहूजा ने फ्री डाटा के चक्कर में लिंक ओपन किया और अपने खाते से 17 हजार 449 रुपए गंवा बैठे।
जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह में स्टेट सायबर सेल और पुलिस के पास इस तरह की 15 शिकायतें पहुंची हैं, इसमें लोगों के खाते से पैसे कट गए। अधारताल कंचनपुर निवासी श्यामसुंदर वर्मा ने शिकायत कर बताया कि ईमेल पर मोबाइल सस्ते में खरीदने के चक्कर में उनके खाते से आठ हजार रुपए कट गए, वहीं बिलहरी निवासी पंकज आहूजा ने फ्री डाटा के चक्कर में लिंक ओपन किया और अपने खाते से 17 हजार 449 रुपए गंवा बैठे।
पुलिस ने जारी किया अलर्ट
स्टेट सायबर पुलिस की तरफ से जारी अलर्ट में बताया गया कि कोरोना के खतरे के बीच साइबर ठगों ने पिछले 20 दिनों में 2300 वेबसाइट के डोमेने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। कोरोना को लेकर सर्च पर करने पर ये फेंक साइट सामने आ रही हैं। आईटी मंत्रालय की कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉंस टीम सर्ट-इन ने सोमवार को इसे लेकर अलर्ट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि कोरोना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी पाने की लोगों की ललक को देखते हुए उन्हें फिशिंग का शिकार बनाना आसान हो गया है।
स्टेट सायबर पुलिस की तरफ से जारी अलर्ट में बताया गया कि कोरोना के खतरे के बीच साइबर ठगों ने पिछले 20 दिनों में 2300 वेबसाइट के डोमेने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। कोरोना को लेकर सर्च पर करने पर ये फेंक साइट सामने आ रही हैं। आईटी मंत्रालय की कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉंस टीम सर्ट-इन ने सोमवार को इसे लेकर अलर्ट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि कोरोना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी पाने की लोगों की ललक को देखते हुए उन्हें फिशिंग का शिकार बनाना आसान हो गया है।