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अचला सप्तमी पर मां नर्मदा का जन्मोत्सव आज, दर्शन मात्र से दूर होंगे सर्वदोष- देखें पंचांग

locationजबलपुरPublished: Feb 12, 2019 09:12:08 am

Submitted by:

Lalit kostha

अचला सप्तमी पर मां नर्मदा का जन्मोत्सव आज, दर्शन मात्र से दूर होंगे सर्वदोष- देखें पंचांग

narmada ghat

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जबलपुर। शुभ विक्रम संवत् : 2075, संवत्सर का नाम : विरोधकृत्, शाके संवत् : 1940, हिजरी संवत् : 1440, मु.मास: ज: उस्मानी: 6, अयन : उत्तरायण, ऋतु : शिशिर, मास : माघ, पक्ष : शुक्ल, तिथि – भद्रा तिथि सप्तमी प्रात: 10.41 तक उपरांत जया तिथि अष्टमी रहेगी। आज अचला सप्तमी का पावन दिवस रहेगा। आज के दिन मांं नर्मदा जी का पूजन, श्री नर्मदा जी का दर्शन तथा श्री नर्मदा जी में स्नान करना परम सौभाग्य तथा अत्यंत मंगलकारी माना जाता है। आज नर्मदा जी का जन्म जयंती महोत्सव का पावन पर्व मनाया जाता है।
योग- प्रात: 7.31 तक शुकल उपरांत ब्रह्म योग रहेगा दोनों ही नैसर्गिक योग शुभ तथा सुखद हैं।
विशिष्ट योग- ब्रह्मयोग के साथ अचला सप्तमी का पावन योग रहेगा। यह योग समस्त मांगलिक कार्य हेतु शुभ माना जाता है।
करण- सूर्योदय काल से वणिज उपरांत विष्टि तदनंतर वव करण का प्रवेश होगा। करण गणना शुभ है।
नक्षत्र- उग्रक्र्रूरसंज्ञक ऊध्र्वमुख नक्षत्र भरणी शाम 5.27 तक उपरांत कृत्तिका नक्षत्र रहेगा। भरणी नक्षत्र में कूटनीतिक वार्ता, कर्जनिपटारा, शस्त्रवार्ता, विवादयुक्त कार्य, धन संचय जैसे कार्य अत्यंत शुभ तथा मंगलकारी माने जाते हैं। वहीं कृत्तिका नक्षत्र में बागबगीचा, नृत्यगान, आभूषण से जुड़े कार्य शुभ माने जाते हैं।
शुभ मुहूर्त – आज इष्टिका दहन, उग्रकर्माचरण, अगिनशमक कार्य, विग्रह, मामला मुकदमा, कर्जनिपटारा, पत्रलेखन, देवदर्शन, भ्रमणमनोरंजन से जुड़े कार्य हेतु दिन शुभ रहेगा।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 9.00 से 10.30 चर दोपहर 10.30 से 1.30 लाभ, अमृत तथा रात्रि 7.30 से 9.00 लाभ की चौघडिय़ा शुभ तथा मंगलकारी मानी जाती है।
व्रतोत्सव- आज : अचला सप्तमी का पावन पर्व है, आज माँ नर्मदा जी का पावन जन्म जयंती महोत्सव का व्रत व्रतोत्सव पर्व रहेगा।
चन्द्रमा : रात्रि 11.27 तक मेष राशि में उपरांत चन्द्रप्रधान राशि वृष राशि में संचरण करेगा।

ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के मकर राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हैं। सूर्य का धनिष्ठा नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल उत्तर दिशा में रहता है। इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा सम्भव टालना हितकर है। चन्द्रमा का वास पूर्व दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चन्द्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: दोपहर 3.00.00 बजे से 4.30.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे बालकों का नामाक्षर ली,लू,ले,ला अक्षर से आरम्भ कर सकते हैं। भरणी नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि मेष होगी, राशि स्वामी मंगल तथा सुवर्णपाद पाया में जन्म माना जाएगा। मेेष राशि के जातक प्राय: चंंचल, साहसी, प्रभावशाली, मित्रहितैषी, स्वतंत्र विचार वाले, नवीन विचारों का पोषक, धनवान तथा अधिक मित्र वाले होते हैं। जीवन में बाल्यावस्था उपरांत विद्या बुद्धि का उत्तम योग बनेगा।

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