डेटा में प्रदेश में सरकारी नौकरियों में ओबीसी का प्रतिनिधित्व बताया गया है. इसके अनुसार प्रदेश में सरकार में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 321944 है. इनमें से ओबीसी वर्ग के मात्र 43978 पद हैं. अर्थात इस डाटा के अनुसार मध्यप्रदेश में ओबीसी के लिए 13.66 प्रतिशत आरक्षण बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की कमल नाथ सरकार ने जनसंख्या का डेटा प्रस्तुत किया था। इसके बाद आई बीजेपी की शिवराज सरकार ने प्रतिनिधित्व का डेटा पेश किया है। मध्यप्रदेश सरकार ने पूर्व निर्देश के पालन में शासकीय सेवा में ओबीसी के प्रतिनिधित्व का डाटा प्रकाशित किया है।
शासकीय सेवाओं में ओबीसी का प्रतिनिधित्व 13.66 है। मध्यप्रदेश में मंडल कमीशन की अनुशंसा पर 1994 से पहली बार ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जाने लगा था। देशभर में ओबीसी को 1990 से 27 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है लेकिन मध्य प्रदेश में ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण ही मिलता रहा था। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित कई मामले विचाराधीन हैं। इन प्रकरणों में 2019 से अब तक करीब 38 सुनवाई हो चुकी हैं। 16 अगस्त 2022 को फाइनल हियरिंग के लिए सरकार ने डाटा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की मंशा के अनुरूप ओबीसी आयोग का गठन कर क्वांटीफेविल डाटा कलेक्ट किए जाने के सुझाव पर अमल की प्रक्रिया चालू की गई थी. प्रदेश में शासकीय सेवाओं में ओबीसी के प्रतिनिधित्व के डाटा कलेक्ट कर न्यायालय में प्रस्तुत करने का सुझाव भी दिया गया था। इसके अनुसार प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने डेटा का संग्रह किया है। उक्त डेटा में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 321944 में से ओबीसी वर्ग को मात्र 43978 पद अर्थात 13.66 प्रतिशत आरक्षित बताया गया है। ये डेटा मध्यप्रदेश शासन की ओर से हाई कोर्ट में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट अभी हाईकोर्ट में प्रस्तुत की जानी है।