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एनओसी देने पर ही अगली परीक्षा में बैठ पाएंगे

locationजबलपुरPublished: Jan 13, 2020 06:34:29 pm

Submitted by:

shyam bihari

मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में लेटलतीफी पर पर्दा डालने की कोशिश

medical University

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जबलपुर। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर में गजब की भर्राशाही चल रही है। यहां परीक्षा परिणामों की लेटलतीफी पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। मामला तब सामने आया जब विवि ने लम्बित नतीजे वाली कक्षाओं के विद्यार्थियों के सामने अगली परीक्षा में बैठने के लिए शर्त रखी। इसके अनुसार विद्यार्थी को अब विवि के नाम एनओसी देनी होगी। इसमें इस बात का उल्लेख रहेगा कि वह यदि पूर्व की परीक्षा में फेल होता है, तो पात्रता को लेकर किसी प्रकार का दावा नहीं करेगा। ऐसा शपथ पत्र देकर अगली परीक्षा में शामिल सकेगा। ऐसे में विद्यार्थी के पूर्व परीक्षा में फेल होने पर न केवल अगली परीक्षा के लिए की गई तैयारी पर पानी फिरेगा। साथ ही परीक्षा शुल्क की राशि भी डूब जाएगी। विवि प्रशासन को इस शपथ पत्र की शर्त की जरुरत पडऩे की प्रमुख वजह परीक्षा परिणाम का समय पर घोषित नहीं होना माना जा रहा है। विवि में अधिकारियों और नियमित कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है। ज्यादातर पद रिक्त हैं। परीक्षा और मूल्यांकन प्रक्रिया में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके लेटलतीफी को काफी हद तक कम करने के प्रयास हुए हैं, लेकिन ज्यादा छात्र संख्या वाले नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम अभी तक पटरी पर नहीं लौट सके हंै।
विवि ने कुछ परीक्षाओं में पूर्व परीक्षा के परिणाम में विलम्ब होने पर छात्र-छात्राओं का समय बर्बाद होने से बचने के लिए अगली परीक्षा में सशर्त शामिल होने की व्यवस्था की थी। इसे अस्थाई रुप से छात्र-छात्राओं की समस्याओं के निराकरण के लिए लागू किया गया। नए नोटिफिकेशन के जरिए इस व्यवस्था को स्थाई बनाने की कवायद हुई है। जानकारों के अनुसार विद्यार्थियों को विकल्प देने के बजाय परीक्षा परिणामों को समय पर घोषित किया जाना चाहिए। किसी भी वर्ष की परीक्षा समय पर कराने के साथ ही उससे पहले पूर्ववर्ती परीक्षा का परिणाम जारी करना चाहिए। विवि के प्रभारी कुलसचिव की ओर से जारी नोटिस में उल्लेख है कि परीक्षा परिणाम जारी नहीं होने वाले पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी शपथ पत्र देकर आगामी वर्ष की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। शपथ पत्र इसका होगा कि यदि पूर्व वर्ष का परीक्षा परिणाम यदि अनुत्तीर्ण रहता है तो उनकी दी आगामी वर्ष की परीक्षा निरस्त मानी जाएगी।
विवि का दायरा
– 270 के करीब कॉलेज सम्बद्ध
– 05 संकाय के अंतर्गत पाठ्यक्रम
– 40 हजार के करीब छात्र-छात्राएं

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