1980 में हुई थी मां राजराजेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा
गोटेगांव के परमहंसी गंगा आश्रम में विराजमान त्रिपुर सुंदरी भगवती राजराजेश्वरी देवी की प्राणप्रतिष्ठा 1980 में श्रृंगेरी के तत्कालीन शंकराचार्य अभिनव तीर्थ महाराज ने की थी। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती यहां पर तपस्या की है। भगवती राजराजेश्वरी शंकराचार्य की आराध्य देवी हैं।
दक्षिण के कलाकारों ने किया निर्माण
राजराजेश्वरी के मंदिर का निर्माण दक्षिण के कलाकारों द्वारा किया गया है। इसलिए इसमें दक्षिण भारत की कला भी दिखाई पड़ती है। मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है
आई थीं इंदिरा गांधी
मंदिर में मां राजराजेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहां पर दर्शन के लिए आई थीं। मां जगतजननी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के चारों ओर शंकराचार्य ने चौसठ योगिनियों की भी स्थापना कराई है, जो मंदिर की शोभा में चार चांद लगाने का काम किया है।
भगवान सिद्धेश्वर का प्राचीन मंदिर
आदिवासी बहुल इलाके में स्थित इस धार्मिक स्थल का सबसे प्राचीन मंदिर भगवान सिद्धेश्वर का है। ऐसा माना जाताा है कि यहां पर सच्चे मन से जो भी कामना की जाती है वह पूरी होती है। इस मंदिर के समीप ही वर्तमान में स्फटिक शिवलिंग की स्थापना कराई गई है, जिससे इस स्थल का महत्व और बढ़ गया है।
इस स्थल पर बसंत पंचमी के मौके पर सात दिवसीय मेला भरता है, जिसमें स्थानीय आदिवासियों के अलावा दूर-दूर से लोग मेले का आनंद लेने पहुंचते हैं। यहां आने वाले लोग एक ओर जहां पारंपरिक मेले का लुत्फ उठाते हैं, वहीं मां राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी, सिद्धेश्वर महादेव व स्फटिक शिवलिंग का दर्शन लाभ भी प्राप्त करते हैं।
नवरात्र पर बड़ी संख्या में कलश स्थापना होती है, जिसे देखने के लिए जिले के अलावा अन्य प्रदेशों से भी लोग पहुंचते हैं और मां से आशीर्वाद प्राप्त कर जीवन धन्य करते हैं।
यहां पर मां राजराजेश्वरी का शृंगार खास है। मौसम के अनुरूप मां का शृंगार मनोहारी होता है। कभी फलों से, कभी सब्जियों से, कभी मेवों से तो कभी स्वर्ण आभूषणों से मां का भव्य शृंगार देखने लायक होता है। वहीं नवरात्र में अलग-अलग दिन अलग-अलग देवी रूपों में शृंगार किया जाता है।
रामनवमीं पर मां को भगवान राम, जन्माष्टमी पर कृष्ण और शिवरात्रि पर शिव रूप प्रदान किया जाता है, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।