यह है मामला
याचिकाकर्ता अजय तिवारी का कहना था कि 2014 में चार्जमैन पद के लिए चयन परीक्षा हुई। इसमें उसने भाग लिया। लेकिन, 14 प्रश्नों का सही उत्तर देने के बाद भी उसे इनके अंक नहीं दिए गए। तब याचिकाकर्ता ने कैट की शरण ली। कैट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन के निराकरण का आदेश पारित किया, लेकिन आयुध निर्माणी खमरिया की ओर से अभ्यावेदन निरस्त कर दिया गया।
जांच में मिले सही
कैट की जबलपुर बेंच ने अजय तिवारी के प्रकरण पर शुक्रवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से प्रश्रों के सही जवाब को लेकर दावे पेश किए गए। बेंच ने तिवारी के 14 प्रश्नों के उत्तर सही पाने के बाद अपना निर्णय किया। जिसमें आयुध निर्माणी को मामले की जांच के लिए समिति के गठन का निर्देश दिया है।
फिर दी चुनौती
कैट द्वारा याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन के निराकरण का आदेश पारित किए जाने के बाद आयुध निर्माणी खमरिया की ओर से अभ्यावेदन निरस्त कर दिया गया। इसे पुन: कैट के सामने अधिवक्ता राघवेंद्र तिवारी के जरिए चुनौती दी गइ। सभी 14 प्रश्नों का क्या उत्तर होगा, इस सम्बंध में निर्माणी बोर्ड की ओर से जारी मैन्युअल का भी ब्योरा पेश किया। कैट ने सभी प्रश्नों के उत्तर सही पाए। याचिका स्वीकार करते हुए कैट ने अनावेदकों को निर्देशित किया कि कमेटी गठित कर प्रकरण का निराकरण करे।