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खास हैं इस फैक्ट्री में बने बम, विदेशों में भी होंगे निर्यात

locationजबलपुरPublished: May 21, 2019 07:03:56 pm

Submitted by:

reetesh pyasi

देश की तीसरी आयुध निर्माणी होगी, ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड को भेजा प्रस्ताव
 

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जबलपुर। देश की सेना के साथ-साथ विदेशी सेना की ताकत बढ़ाने में देश की आयुध निर्माणियां अग्रसर हो रही हैं। जल्द ही इस लिस्ट में आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) का नाम भी जुड़ सकता है। यहां बने बमों का निर्यात दूसरे देशों में किया जाएगा। इसकी तैयारियां चल रही हैं। फिलहाल आयुध निर्माणी चांदा और बोलांगीर से इस साल रक्षा उत्पाद निर्यात किए जाएंगे। दोनों निर्माणियों ने अपने बड़े प्रोडक्ट की सूची आयुध निर्माणी बोर्ड को दी थी, जिसे मंजूरी मिली है।
ओएफके उन महत्वपूर्ण निर्माणियों में शामिल है जहां से देश की तीनों सेनाओं के लिए बमों का उत्पादन किया जाता है। वर्ष में 2 हजार करोड़ से ज्यादा कीमत के बम तैयार किए जाते हैं। बीते कुछ सालों से उत्पादन के मामले में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। अब जल्द ही निर्यात का तमगा भी उस पर लग सकता है। इसके लिए आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) प्रयास कर रहा है। उसकी तरफ से निर्माणियों से पूछा गया कि वह कौन सा उत्पाद तैयार कर सकती है। इस पर ओएफके की तरफ से भी अपना पक्ष रखा गया है।

कई देशों में हैं मांग
देश की आयुध निर्माणियों में तैयार किए जा रहे बम और गन की मांग विश्व के कुछ देशों में हैं। खासकर वह देश जिनके पास रक्षा उत्पादन संबंधी व्यापक इंतजाम नहीं हैं। खुद बोर्ड की नीति है कि निर्यात ज्यादा से ज्यादा किया जाए ताकि विदेशी मुद्रा के साथ-साथ उत्पाद और उसकी गुणवत्ता का प्रचार हो सके।
30 एमएम बीएमपी-2- इसका व्यापक उत्पादन खमरिया फैक्ट्री में किया जाता है। 2 हजार से 4 हजार मीटर की दूरी तक इसके जरिए निशाना साधा जा सकता है। भारतीय सेना में भी इसकी जोरदार मांग
रहती है।

40 एमएम एल-70
यह एंटी एयरक्राफ्ट बम है। इसका उत्पादन भी व्यापक पैमाने पर किया जाता रहा है। यह बम सटीक निशाना, हाई पावर और हाइरेंज के लिए कारगर है। इससे 12 किमी की दूरी तक निशाना साधा जा सकता है।
84 एमएम बम
इस बम के तीन वर्जन फैक्ट्री में तैयार किए जाते हैं। इनका अलग-अलग परिस्थितियों में उपयोग किया जाता है। कार्ल गुस्ताफ नाम की गन से इसे फायर किया जाता है। आमने-सामने की लड़ाई में यह बड़ा कारगर है।
फैक्ट्री में तैयार किए जा रहे उत्पादों को निर्यात करने की योजना है। इसके लिए आयुध निर्माणी बोर्ड से पत्राचार किया जा रहा है। तीन प्रकार के एमुनेशन का प्रस्ताव बोर्ड को दिया गया है।
एके अग्रवाल, वरिष्ठ महाप्रबंधक ओएफके

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