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अमर शहीद शंकरशाह और कुंवर रघुनाथशाह बलिदान दिवस पर रोके गए गोंडवाना समाज में आक्रोश

locationजबलपुरPublished: Sep 19, 2021 11:14:16 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-गढ़ा गोंडवाना संरक्षण संघ के पदाधिकारियों ने की तल्ख टिप्पणी-1980 से शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस मनाता आ रहा है गोंडवाना संरक्षण संघ

गोंडवाना समाज का विरोध प्रदर्शन

गोंडवाना समाज का विरोध प्रदर्शन

जबलपुर. अमर शहीद शंकर शाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस कार्यक्रम में जाने की इजाजत न मिलने से गोंडवाना समाज में जबरदस्त आक्रोश है। बता दें कि गोंडवाना संरक्षण संघ 1980 से शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस मनाता आ रहा है। लेकिन इस बार केंद्रीय गृहमंत्री व अन्य केंद्रीय व राज्य मंत्रियों के कार्यक्रम के चलते पुलिस ने गोंडवाना समाज के लोगों को ही आयोजन स्थल पर जाने से रोक दिया। इसे लेकर समाज के लोगों में जबरदस्त आक्रोश है।
प्रशासनिक व्यवस्था से कार्यक्रम से जुड़े 10 संगठनों में गुस्सा है। गढ़ा गोंडवाना संरक्षण संघ के किशोरीलाल भारती ने गुस्से में यहां तक कह डाला कि, “नीयत ठीक नहीं है, तो जिस मकसद से आ रहे हैं, वो भी फलीभूत नहीं होगा।” दरअसल बताया जा रहा है कि गोंडवाना संरक्षण संघ 1980 से राजा शंकरशाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस मनाता आ रहा है। सुबह 10 बजे सबसे पहले समाज की पाक महिला पूरे क्षेत्र को बांधती हैं और प्रतिमा स्थल पर कार्यक्रम समाप्ति होने तक बैठी रहती हैं। संगठन की मान्यता है कि इस धार्मिक अनुष्ठान के चलते कभी कोई अनहोनी नहीं होने पाती।
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संरक्षण संघ के संभागीय अध्यक्ष किशोरीलाल भलावी के मुताबिक प्रशासन ने संगठन के 10 लोगों का कोविड टेस्ट कराया था ताकि ये लोग गृहमंत्री के आगमन के समय प्रतिमा स्थल पर मौजूद रहेंगे। बाद में इनकी संख्या पांच फिर दो कर दी गई। भलावी का कहना है कि इस सूरत में आयोजन से जुड़े 10 संगठनों रविदास, सबरी महासंघ, भीम आर्मी, बसपा, गोंडवाना पार्टी आदि में किसे छोड़ दें। बलिदान दिवस से जुड़े संगठनों के मुताबिक गृहमंत्री पुष्पांजलि कार्यक्रम में आ रहे हैं, उनका स्वागत है। पर जिस तरह से प्रशासन के लोगों ने और स्थानीय नेताओं ने संगठन को दरकिनार कर अपनी मनमानी थोपने का प्रयास कर रहे हैं, उसे लेकर लोगों में गहरी नाराजगी है।
वीवीआईपी की सुरक्षा में तैनात पुलिस
उधर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि गृहमंत्री के आगमन के दौरान माइक, हवन आदि का कार्यक्रम बंद रहेगा। इसे देखते हुए हमने 10.30 बजे तक अपना पूजन-हवन का कार्यक्रम करना तय किया था। राजा शंकरशाह-रघुनाथ शाह के बंदीगृह और बलिदान स्थली के विकास के लिए संगठनों ने एक ज्ञापन तैयार किया था, लेकिन ये भी प्रशासन ने देने से मना कर दिया है।
बता दें कि हर साल महाकौशल के हर जिले से चार-पांच हजार लोग यहां श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचते रहे हैं। लेकिन इस बार सभी को अमित शाह व सीएम की मौजूदगी के समय प्रतिमास्थल से दूर रहने के लिए हिदायत दे दी गई है। यह दीगर है कि सांसद राकेश सिंह इसे राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि देश के गृहमंत्री की बजाए उनकी मांग सीएम, सांस्कृतिक विभाग से जुड़े मंत्री कर सकते हैं। हमारी योजना इस स्थल के विकास की है। इस पर जल्द ही अमल होगा।
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