तोते पर 15 हजार का ईनाम
जबलपुर के रांझी मानेगांव के रहने वाले अमन चौहान सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो बैंगलोर में जॉब करते थे। लेकिन कोविड के बाद से ही वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। अमन के पिता आर्मी में हैं। उन्होंने बताया कि उनका पालतू तोता ‘बिट्टू’ कहीं लापता हो गया है। तोते बिट्ठू से परिवार का बेहद लगाव है और उसके अचानक लापता होने से परिवार मायूस है। उन्होंने अपने स्तर पर मिट्ठू ‘बिट्टू’ को खोजने की पूरी कोशिश की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया लिहाजा अब उन्होंने ‘बिट्टू’ को ढूंढकर लाने वाले को 15 हजार रुपए ईनाम देने का निर्णय लिया है।
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परिवार का सदस्य था ‘बिट्टू’- अमन
अमन ने बताया कि वो करीब दो साल पहले बाजार से दो तोते खरीदकर लाए थे जिनमें से एक की कुछ दिन बाद मौत हो गई थी। ‘बिट्टू’ धीरे-धीरे बड़ा हुआ और परिवार का सदस्य बन गया। वो परिवार के सभी लोगों के नाम लेता था खुद पिंजरा खोलकर परिवार के सदस्यों के साथ मस्ती करता था। इस कारण से उससे परिवार का बेहद लगाव था। अमन ने बताया कि दो नवंबर से तोता ‘बिट्टू’ गायब है। अमन ने तोते ‘बिट्टू’ के पुराने फोटो के आधार पर पैम्फ्लेट छपवा कर पूरे शहर में बांटे हैं जिनमें बिट्टू को ढूंढकर लाने वाले को 15 हजार रुपए ईनाम देने की बात लिखी हुई है। उन्होंने बताया कि ईनाम के लालच में कई लोगों ने उन्हें फोन भी किया लेकिन जब उन्होंने जाकर देखा तो बिट्टू की जगह दूसरा तोता था।
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