जबलपुर

सात हजार हेक्टेयर कम हुआ धान का रकबा, 20 हजार हेक्टेयर में मक्का की बोवनी

शुरुआती दो माह में कई ब्लॉक में औसत से कम बारिश : अधिकांश जलस्रोत खाली
 

जबलपुरAug 14, 2022 / 06:36 pm

prashant gadgil

paddy

जबलपुर. मानूसन सीजन के शुरुआती दो माह में जिले के कई ब्लॉकों में औसत में कम बारिश होने से जुलाई माह के अंत तक लबालब हो जाने वाले जलस्रोत अभी तक खाली हैं। उमस भी लगातार बढ़ रही है। इसका असर फसलों पर भी पड़ रहा है। बारिश कम होने से किसानों ने इस बार मक्के की खेती में रुचि दिखाई है। मक्के का रकबा इस बार 14 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 20 हजार हेक्टेयर हो गया है। जबकि धान के रकबे में कमी आई है। पिछले साल एक लाख 68 हजार हेक्टेयर में किसानों ने धान की बोवनी की थी। इस बार एक लाख 61 हजार हेक्टेयर में बोवनी हुई है। शहपुरा और बरेला क्षेत्र में इस सीजन में सबसे कम बारिश हुई है।

मक्का लहलहाया, धान की पौध कमजोर

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार मक्का की फसल को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती। पिछले साल किसानों को मक्के की उपज के अच्छे दाम भी मिले थे। इस बार शहपुरा, पाटन, सिहोरा, मझौली ब्लॉक में मक्का की फसल अच्छी नजर आ रही है। जबकि धान की पौध नहरों के तटवर्ती इलाकों को छोड़कर शहपुरा, पाटन ब्लॉक में कमजोर दिख रही है।

हर साल ओवरफ्लो हो जाते थे ये तालाब

शहर के हनुमानताल, देवताल, गंगासागर तालाब, सूरजताल समेत कई तालाब जुलाई माह के अंत तक ओवरफ्लो हो जाते थे। इस बार अभी तक खाली हैं।

ब्लॉकवार बारिश

ब्लॉक बारिश

जबलपुर 649.2

बरगी 631.5

बरेला 536.9

पनागर 733.4

कुंडम 905.2

पाटन 563.0

शहपुरा 220.3

सिहोरा 629.0

मझौली 626.6

रांझी 793.2

(नोट : बारिश मिमी में )

इनका कहना है

शहपुरा, बरेला औ रपाटन क्षेत्र में इस बार बारिश काफी कम हुई है। पिछले कुछ वर्षों से बारिश कम होने से किसानों का रुझान मक्का की खेती की ओर बढ़ा है। इस बार 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा में मक्का की खेती हो रही है। जबकि धान का रकबा सात हजार हेक्टेयर कम हुआ है।

एसके निगम, उप संचालक कृषि विभाग

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