scriptकटनी सडक़ हादसा: चिताओं के साथ जले कई अरमान, सिसक उठे ग्रामीण | Painful Story of big road accident in Katni, 10 killed | Patrika News

कटनी सडक़ हादसा: चिताओं के साथ जले कई अरमान, सिसक उठे ग्रामीण

locationजबलपुरPublished: Apr 07, 2018 09:21:55 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

निगहरा गांव में एक साथ हुआ 8 शवों को अंतिम संस्कार, मझगवां के पास बेलगाम ट्रक ने छीनी 10 लोगों की सांसें

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निगहरा गांव में एक साथ हुआ 8 शवों को अंतिम संस्कार

जबलपुर/कटनी। कटनी जिला मुख्यालय से करीब 21 किलोमीटर दूर बड़वारा थाना क्षेत्र में बसा निगहरा गांव…। शनिवार सुबह सूर्योदय के साथ ही ग्रामीण अपने काम में जुट गए। कोई खेत-खलिहान की तरफ निकल गया। कोई घरेलू काम या बेटे-बिटिया की शादी की तैयारी में जुट गया, तो कोई जरूरी सामान लाने समीपी नगर या फिर कटनी के लिए निकल पड़ा। उम्मीद से भरे चेहरों पर अपने-अपने अरमान थे। ऑटो पर सवार होकर कटनी रवाना हुए लोगों को पता नहीं था कि नियति ने उनके लिए कुछ और ही तय कर रखा है। यह सफर जिंदगी का आखिरी सफर होगा…। हुआ भी यही, एक बेलगाम ट्रक ने उनकी सांसें छीन लीं। दोपहर में जैसे ही 10 लोगों की मौत की खबर आयी लोग स्तब्ध रह गए। मुंह से चीख निकल गई और आंखों से आंसुओं की धार बह निकली। क्षेत्र में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ कि गांव में एक साथ इतनी अर्थियां निकलीं। निगहरा गांव में तो एक साथ जलीं आठ चिताओं के साथ कई अरमान भी जल गए। दर्दनाक दृश्य को देख ग्रामीण सिसक उठे। हर जुबां बोल उठी कि ऐसा दृश्य जीवन में दोबारा कभी नहीं आए।


हादसे ने छीनी इनकी सांसें
– भीम बहेले, (30) निवासी निगहरा
– सुनील चौधरी (30) निवासी निगहरा
– कोदू बर्मन (45) निवासी हिरवारा
– रघुराई चौधरी (34) निवासी निगहरा
– बाबू चौधरी (32) निवासी निगहरा, पड़रिया
– नीलम सिंह (30) निवासी निगहरा
– रम्मू बर्मन बर्मन (45) निवासी निगहरा
– सुभरा चौधरी (50) निवासी निगहरा
– झम्मन भूमिया (38) निवासी बिलगवां
– सुशील चौधरी (33) निवासी निगहरा

 

ये हुए घायल

– बलराम बर्मन (35) निवासी हिरवारा
– मोनू सोंधिया (23) निवासी बिलगवां
– सोनेलाल चौधरी (35) निवासी निगहरा
– शिवा सिंह (ढाई साल) निवासी निगहरा
– संतोष कुमार (38) निवासी बिलगवां

नहीं जले चूल्हे
करीब दो हजार की आबादी वाले निगहरा गांव में बसे कई परिवारों के लिए शनिवार का दिन जैसे काल बनकर आया। सुबह जैसे ही गांव के आठ लोगों की मौत की खबर पहुंची, ग्रामीण अवाक रह गए। घरों, खेत-खलिहानों का काम बंद करके सभी लोग गांव के चौराहे पर एकत्रित हो गए। कटनी से जैसे-जैसे वाहनों पर शव पहुंचना शुरू हुए, माहौल गमगीन होता गया। खाने-पीने की सुधि भूल गई। गांव में किसी के भी यहां चूल्हा नहीं जला। अनहोनी और दुख से व्याकुल लोगों के पेट की भूख को आंसुओं ने ही बुझाकर खत्म कर दिया था।


रो-पड़ी बस्ती
शाम को करीब 5 बजे अगल-अलग मोहल्लों से अर्थियां निकलनी शुरू हुई, तो पूरा गांव सिसक पड़ा। गांव में समाज के अलग-अलग स्थानों पर बने मुक्तिधामों में आठों शवों का अंतिम संस्कार हुआ। ग्रामीणों के गम में विधायक मोती कश्यप, कलेक्टर बीएस चौधरी, एसपी अतुल सिंह, तहसीलदार एंतोनिया इक्का वानखेड़े भी शामिल हुईं। उन्होंने मृतक परिवारों के घरों में जाकर परिजनों को सांत्वना दी और हर संभव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया। प्रशासन द्वारा सभी मृतकों के लिए कफन-दफन की व्यवस्था भी कराई गई।

थी उत्सव की तैयारी, हुआ मातम
निगहरा निवासी मृतक रम्मू बर्मन के बेटे का रविवार को तिलक समारोह था। घर में मेहमानों का आना शुरू हो गया था और रम्मू सुबह खेत न जाकर ऑटो से कटनी समारोह की तैयारी को लेकर खरीदी करने निकला था। घर में लोग तैयारी में जुटे थे और उत्सव का माहौल था। थोड़ी ही देर में हादसे की सूचना गांव पहुंची और बर्मन परिवार का माहौल मातम में तब्दील हो गया।

छिन गया सहारा, बेटे से पिता
पड़रिया निवासी बाबू उर्फ बब्लू चौधरी की निगहरा में ससुराल है। ससुराल में उनकी अकेली बूढ़ी सास रहती हैं। और कोई सहारा नहीं है। बाबू ही परिवार सहित निगहरा में रहकर उनकी सेवा करता था। वह मझगवां से ऑटो किराए पर लेता और उसे गांव से कटनी के बीच चलाकर उदर-पोषण करता था। बाबू की मौत के साथ उसकी बूढ़ी सास का सहारा छिन गया। वहीं उसका तीन माह बेटा भी बेसहारा हो गया। नियति ने उसके सिर से पिता का साया छीन लिया।

जिंदगी से जंग लड़ रहा बेटा
ग्रामीणों ने बताया कि निगहरा निवासी नीलम सिंह के ढाई साल के बेटे शिवा के कान में गेहूं का दाना चला गया था। उसका इलाज कराने के लिए नीलम ऑटो पर उसे डॉक्टर के पास कटनी ले जा रही थी। यह सफर उसकी जिंदगी का आखिरी सफर साबित हो गया। बीच रास्ते में ही नीलम की मौत हो गई। वहीं गंभीर रूप से घायल हुआ बेटा जबलपुर में जिंदगी से सांसों के लिए संघर्ष कर रहा है। बताया गया है कि नीलम से कुछ महिलाओं ने शिवा को गांव के ही डॉक्टर को दिखाने को कहा था लेकिन उसकी ममता नहीं मानी। वह अपने लाड़ले को बड़े डॉक्टर के यहां दिखाना चाहती थी।

बुझ गए एकलौते चिराग
निगहरा निवासी भीम बहेली व सुनील चौधरी की मौत से ही दोनों घरों के एकलौते चिराग बुझ गए। भीम का पांच साल का एक बेटा है और सुनील के दो बेटे व एक बेटी है। घर व गांव में मातम को देखकर सहमे बच्चे लोगों का मुंह देखते रहे। कभी मां से लिपट जाते तो कभी पापा-पापा कहते हुए दौडकऱ बाहर की तरफ चले जाते। उन्हें इस बात भान ही नहीं था कि पापा अब कभी उनकी आवाज नहीं सुन पाएंगे।

ये क्या बन गया बेटा…
हादसे में मृतक रघुराई के पिता बालगोविंद का जिला अस्पताल में रो-रोकर के बुरा हाल था। बालगोविंद ने बताया कि बेटा रघुराई झिंझरी स्थित एक कॉलेज में पढ़ाई करता है। वह सुबह घर से कॉलेज सर्टिफिकेट लेने जाने की बात कहकर निकला था। वह दोपहर में कटनी में बाजार कर रहा था। जब उसे सूचना मिली कि उसका बेटा नहीं रहा। वह जिला अस्पताल पहुंचा और जब घटना को देखा तो उसके होश उड़ गए। रघुराई ने कहा कि पढ़ाई करने आया बेटा उसका हमेशा के लिए साथ छोडकऱ चला गया। वह उसे पढ़ा-लिखाकर बड़ा आदमी बनाना चाहता था। वृद्ध पिता रोते हुए बार-बार अचेत हो रहा था। उसकी हालत सभी को द्रवित कर रही थी।


… और उठ गया पिता का साया
ग्राम विलगवां निवासी झम्मन भूमिया की दुर्घटना में मौत हो गई। माता-पिता व पत्नी अस्पताल पहुंची। पति के शव को देखते ही पत्नी बिलख-बिलख कर सभी रोने लगी, मां के साथ स्कूल से बेटा अभय 7 साल भी अस्पताल पहुंचा। मां व दादी को रोते बिलखते देख वह मां के गले से लिपट गया और मां को ढ़ाढस बधाया। बेटे को शायद यह अहसास भी नहीं था कि उसके सर से पिता का साया उठ गया है।


हादसे में सुरक्षित बचे संतोष की जुबानी..
मैं अपने साथियों के साथ अमाड़ी के पास स्थित जलाशय में मछली मारने गया था। लगभग 50 किलो मछली एकत्रित हो जाने के बाद हम लोग ऑटो से घर लौट रहे थे। मैं ऑटो के बीच में बैठा था। कटनी आने के लिए ऑटो से जैसे ही मझगवां गांव क्रॉस किए और ढाबे के आगे तालाब के पास पहुंचे तो अचानक नजर पड़ी कि कटनी की ओर से आ रहा एक तेज रफ्तार ट्रक हमारी ही ओर आ रहा है और कुछ ही पल बाद ऑटो को दाहिने साइड से जोरदार टक्कर लगी। ऑटो सडक़ पर ही घूमता रहा। बमुश्किल 5 सेकंड में ही ऐसा मानो मौत अब हमारे सामने आ गई हो। कुछ पल के लिए आंखों में अधेरा छा गया, मैं कुछ अचेत सा हो गया। कुछ समय बाद होश आया तो मौके पर लोगों की भीड़, कुचली हुई ऑटो और खून से लथपथ फंसे और कराहते हुए साथी दिखे। मैं स्तब्ध रह गया। लोग बस यही कह रहे थे कि ट्रक वाले ने दो ऑटो को कुचल दिया है। कुछ समय बाद मेरा मन स्थिर हुआ और मैं भी साथियों को उपचार के लिए भेजने के लिए मदद में जुट गया। यह घटना जीवन भर नहीं भूलेगी।

ट्रक चालक फरार
बड़वारा टीआई बीडी द्विवेदी ने बताया कि ट्रक क्रमांक एमपी 20 एचबी 0812 के चालक ने ऑटो क्रमांक एमपी 21 आर 0341 और एमपी 21 आर 3843 को टक्कर मारकर फरार हो गया। उस पर धारा 304 गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

एक-एक लाख रुपए की सहायता
सडक़ हादसे की जानकारी मिलते ही मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल सुबह 11 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। सिविल सर्जन डॉ. शर्मा को घायलों का फौरन उपचार करने कहा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौाहान को घटना की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री चौहान ने घायलों को 50-50 हजार रुपये व मृतकों के परिजनों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने व घायलों का इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाए जाने की घोषणा की।


राज्य मंत्री पाठक ने दी सांत्वना
घटना की स्थिति का जायजा लेने राज्य मंत्री संजय पाठक लगभग 1 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। वार्डों में जाकर मृतकों के दुखी परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। यदि कोई कमी रह जाती तो उसकी भी पूर्ति की जाएगी। छात्र नेता दिलराज सिंह और उनके साथियों ने घायल एवं मृत लोगों के आने-जाने के लिए नि:शुल्क एम्बुलेन्स सुविधा के साथ ब्लड आदि की व्यवस्था कराई।

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