जज के सामने पहुंची दो साल की मासूम... नजर नहीं मिला पाए माता पिता, जानें क्या है मामला
जज के सामने पहुंची दो साल की मासूम... नजर नहीं मिला पाएं माता पिता, जानें क्या है मामला

जबलपुर। आपसी झगड़े, बात बात पर मारपीट और गृहस्थ जीवन में रोजाना होने वाली खटपट अब परिवारों से बाहर निकलकर कोर्ट कानून तक पहुंचने लगी हैं। खासकर महिलाएं बात बात पर पुलिस और कोर्ट पहुुंचने लगी हैं। जिससे परिवारों का बिखराब बहुत तेजी से हो रहा है। ऐसा नहीं है कि सभी महिलाएं ऐसी होती हैं कुछ सच में पीडि़त भी हैं। जो न्याय के लिए कानून की शरण लेती हैं। किंतु महिला अधिकारों और सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग इन दिनों जमकर हो रहा है। इस बात से न्यायपालिकाएं भी चिंतित हैं।
कानूनी दांव पेंच में फंसकर टूट रहे परिवारों को दोबारा संजीवनी देने के लिए न्यायालयों में मध्यस्थता की व्यवस्था की गई है। जो बहुत ही कारगर साबित हो रही है। कानून के जानकार जब मध्यस्थता करवाते हैं तो टूटता परिवार फिर से जुड़ जाता है। एक ऐसा ही मामला जबपलुर सदर निवासी एक महिला का आया है। जिसने छह महीने पहले पति समेत पूरे ससुराल पर मारपीट, प्रताडऩा का मामला दर्ज कराते हुए केस लगाया था। विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिला के टूटते परिवार को बचाने के लिए मध्यस्थता करवाई। जिसके बाद वो परिणाम आया, जो महिला और उसके पति ने भी नहीं सोचा था।
अधिवक्ता प्रियंका मिश्रा ने बताया कि सदर निवासी शिफा का दो साल पूर्व घर के पास ही रहने वाले इम्तियाज से मुस्लिम रीति रिवाजों से विवाह सम्पन्न हुआ था। छह महीने पहले शिफा ने इम्तियाज उसकी मां और भाई पर मारपीट, प्रताडऩा और बात बात पर झगडऩे का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवा दिया। जिस पर महिला बाल विकास विभाग के अंतगज़्त वन स्टॉप सेन्टर द्वारा घरेलू घटना रिपोर्ट तैयार कर न्यायालय में भेजी गई। पिछले दिनों कोर्ट के आदेश पर विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से दोनों को दोबारा मिलाने के लिए मध्यस्थता करने कहा गया।
अधिवक्ता प्रियंका मिश्रा द्वारा मंगलवार को शिफा और इम्तियाज की काउंसलिंग कर मध्यस्थता की गई। उन्होंने शिफा इम्तियाज की दो साल की बेटी के भविष्य को लेकर चिंता जताई। इसके बाद भी शिफा अपनी जिद से हटने को तैयार नहीं थी। लेकिन जैसे ही शिफा ने अपनी बेटी से आंखें मिलाई तो वह नजरें बचाती नजर आई। वहीं इम्तियाज भी बेटी से नजरें नहीं मिला पा रहा था। अंतत: दोनों ने अपने अपने व्यवहार में सुधार लाने, परिवार में मिलजुल कर रहने का वादा करते हुए केस वापस लेने का निर्णय लिया। साथ ही इम्तियाज ने परिजनों के व्यवहार में भी सुधार लाने की बात कही। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता ममता गुप्ता ने शिफा को निशुल्क विधिक सहायता प्रदान की।
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