तिथि- सूर्योदय से रात्रि 09.10 मि. तक नंदा संज्ञक षष्ठी तिथि रहेगी पश्चात भद्रा संज्ञक सप्तमी तिथि लगेगी। षष्ठी तिथि में कार्तिकेय की पूजा करने से मनुष्य श्रेष्ठ मेधावी, रूप संपन्न, दीर्घायु और कीर्ति को बढ़ानेवाला हो जाता है। सप्तमी तिथि को चित्रभानु नामवाले भगवान श्रीसूर्यनारायण का पूजन करना चाहिए, ये सबके स्वामी एवं रक्षक हैं।
योग- सूर्योदय से प्रात: 10.16 मि. तक वैधृति योग रहेगा पश्चात विष्कुम्भ योग लगेगा। वैधृति योग के स्वामी दितिदेव माने जाते हंै जबकि विष्कुम्भ योग के स्वामी यमदेव माने गए हंै।
विशिष्ट योग-वैधृति एवं विष्कुम्भ योग को बेहद अशुभ योग माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य के लिए वैधृति योग का त्याग करना चाहिए। विष्कुम्भ योग के प्रथम 03.00 मि. का शुभ कार्य के लिए त्याग करना चाहिए।
करण- सूर्योदय से प्रात: 08.08 मि. तक गर नामक करण रहेगा पश्चात वणिज नामक करण लगेगा। इसके पश्चात विष्टि नामक करण लगेगा।
नक्षत्र- सूर्योदय से दोप. 04.34 मि. तक चर चल धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा पश्चात चर चल शतभिषा नक्षत्र लगेगा। फसल की बुवाई, वृक्षारोपण जैसे कार्यों के लिए धनिष्ठा एवं शतभिषा दोनों नक्षत्र उपयुक्त होते हैं। मशीनरी लगाने, व्यावसायिक विज्ञापनों के लिए शतभिषा नक्षत्र अच्छे माने गए हैं। पद और शपथ ग्रहण, राजनीतिक संगोष्ठी आदि कार्य शतभिषा नक्षत्र में निर्विवाद किए जा सकते हैं।
आज के मुहूर्त – अनुकूल समय में समस्त कृषि कर्म करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
चौघडिय़ा के अनुसार समय – प्रात: 05.42 मि. से 07.23 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा। प्रात: 10.43 मि. से दोप. 02.04 मि. तक क्रमश: चंचल व लाभ के चौघडिय़ा रहेंगे एवं दोप. 05.24 मि. से सायं: 07.05 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा।
चंद्रमा – सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक चंद्रमा वायु तत्व की कुम्भ राशि में रहेंगे।
भद्रा – रात्रि 09.10 मि. से प्रारंभ भद्रा का निवास भूलोक में रहेगा।
पंचक – पंचक जारी रहेंगे।
दिशाशूल- दक्षिण दिशा में। (अगर हो सके तो आज के दिन दक्षिण दिशा में यात्रा को टालना चाहिए)। राहु काल – दोप. 02.04.17 से 03.44.34 तक राहु काल वेला रहेगी। अगर हो सके तो इस समय में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
आज जन्म लिए बच्चे- आज जन्म लिए बच्चों के नाम (गू, गे, गो, सा, सी) अक्षरों पर रख सकते हैं। आज जन्मे बच्चों का जन्म तांबे में पाए में होगा। सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक कुंभ राशि रहेगी। आज जन्म लिए बच्चे शरीर से प्रतिभाशाली होंगे। सामान्यत: इनका भाग्योदय करीब 32 वर्ष की आयु में होगा। ऐसे जातक किसी भी कार्य को बड़ी दबंगता से करेंगे। इनकी संगीत में विशेष रुचि रहेगी। उपभोग वस्तु के निर्माता रहेंगे। कुंभ राशि में जन्मे जातक को वस्तु संग्रहण से बचना चाहिए। अपने सरल स्वभाव के स्वाभाविक गुण को भी नहीं छोडऩा चाहिए।
नोट: पंचांग जबलपुर के ग्रह गोचर और समयानुसार है।