नक्षत्र- प्रात: 6.28 तक पुनर्वसु उपरांत दिवस रात्रि पर्यंत तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। पुनर्वसु नक्षत्र में मंगलकारी कार्य अत्यंत मंगलकारी माने जाते है, परंतु लग्न शुद्धि का विचार करना आवश्यक माना जाता है। पुष्य नक्षत्र में व्यापार, वाणिज्य, क्रय-विक्रय , खनिज सम्पदा, पठन-पाठन, शिल्प विद्या जैसे कार्य अत्यंत शुभ तथा मंगलकारी माने जाते हैं।
शुभ मुहूर्त – आज इष्टिका दहन, कर्ज निपटारा, पत्र लेखन, भ्रमण, मनोरंजन, मित्र मिलन, सेवारंभ, बाग-बगीचा, पौध रोपण जैसे कार्य हेतु आज का दिन शुभ तथा सुखद रहेगा।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 6.00 से 7.30 शुभ दोपहर 10.30 से 3.00 चर, लाभ अमृत तथा रात्रि 6.00 से 9.00 चर, अमृत की चौघडिय़ा शुभ तथा मंगलकारी मानी जाती है।
व्रतोत्सव- आज : श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा का विशेष व्रत व्रतोत्सव पर्व रहेगा। आज श्री जगन्नाथ जी का पूजन करना मंगलकारी रहेगा।
चंद्रमा : चंद्रमा दिवस रात्रि पर्यंत तक कर्क राशि में संचरण करेगा। कर्क राशि चंद्र प्रधान राशि है।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के मिथुन राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हैं। सूर्य का आद्र्रा नक्षत्र में संचरण् ारहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल दक्षिण दिशा में रहता है। इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथासम्भव टालना हितकर है। चंद्रमा का वास उत्तर दिशा में है। सन्मुख एवं दाहिना चंद्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: दोपहर 1.30.00 बजे से 3.00.00 बजेे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे बालकों का नामाक्षर केे, को, हा, ही अक्षर सेे आरम्भ कर सकते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि मिथुन होगी। राशि स्वामी बुध तथा रजदपाद पाया में जन्म माना जाएगा। मिथुन राशि के जातक प्राय: सरल, प्रेमी अनुशासन प्रिय, बुद्धिमान, निपुण, कुशल, गीत-संगीत में रुचि रखने वाले, सुगंध, वाहन प्रेमी, मिलनसार, समाज सेवा में रुचि रखने वाले तथा परम हितैषी स्वभाव के
होते हैं।ड्ड