4 नंबर के सवाल रह गए अधूरे
बताया जाता है एमए थर्ड सेमेस्टर के स्टेट पॉलिटक्स इन इंडिया के सेकेंड पेपर कुल 35 अंकों का था। पेपर में तीन सवाल एेसे थे जो छात्रों के गले नहीं उतर सके। प्रश्न पत्र को लेकर जब छात्रों ने शिक्षकों से को यह बात बताई तो शिक्षक भी हक्के बक्के रह गए। छात्रों को प्रश्न छोड़ देने के लिए कहा। आब्जेक्टिव के 2 नंबर एवं एक प्रश्न के 2 नंबर को मिलाकर 4 नंबर के प्रश्न को छात्र हल नहीं कर सके।
प्रश्न पत्रों को नहीं किया चैक
जानकारों के अनुसार प्रश्न पत्र तैयार करने के बाद उसकी फाइनल जांच संबंधित मॉडरेटर के माध्यम से कराई जानी थी लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एेसा नहीं किया गया। प्रश्न पत्र छपने के बाद बंडलों में पैक कर परीक्षा सेंटर में सीधे भिजवा दिए गए। प्रश्न पत्रों का निर्माण पॉलीटिकल विभाग की देखरेख में किए गए थे जिससे जिम्मेदारों पर उंगलिया उठ रही हैं।
गलती नंबर-1
सवाल- मप्र में कितनी विधानसभा सीटें हैं। दिया गया विकल्प-60,290,320,40
उत्तर है- 230 सीटें
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गलती नंबर-2
सवाल-योजना आयोग का अध्यक्ष कौन होता है।
दिया गया विकल्प-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, योजना मंत्री
उत्तर है-अब योजना आयोग नहीं रहा बल्कि नीति आयोग बन गया है।
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गलती नंबर-3
सवाल-1.राज्यपाल की शक्तियों पर लेख लिखिए(हिंदी)
-1. राइट नोटस ऑन द पॉवर्स ऑफ प्रेसीडेंट (अंग्रजी)
नोट-राज्यपाल की अंग्रेजी है गर्वनर न की प्रेसीडेंट।
-इस संबंध में संबंधित विभागाध्यक्ष और परीक्षा विभाग को बुलाकर मामले की जानकारी ली जाएगी कि त्रुटि कैसे हुई है। छात्रों का अहित नहीं होगा।
-डॉ.कमलेश मिश्रा, कुलसचिव रादुविवि
-इस मामल की शिकायत नहीं पहुंची है। एग्जामिनेशन कमेटी के समक्ष यह मामला रखा जाएगा। पता लगाया जाएगा कि यह गलती कैसे हुई है। उचित निर्णय लिया जाएगा।
-प्रो.राकेश बाजपेयी, एग्जाम कंट्रोलर