scriptयहां छात्रों के लिए पीने का पानी और बैठने तक की जगह नहीं, फिर भी कॉलेज चला रही है सरकार | Paramedical College affiliated to Medical University is full of chaos | Patrika News
जबलपुर

यहां छात्रों के लिए पीने का पानी और बैठने तक की जगह नहीं, फिर भी कॉलेज चला रही है सरकार

पढ़ाई के लिए कमरा भी कंसलटेंट के आने पर मिलता है

जबलपुरDec 09, 2017 / 10:55 am

deepankar roy

Paramedical College affiliated to Medical University is full of chaos,room for study is available on the arrival of a consultant,Netaji Subhash Chandra Bose Medical College,Jabalpur Medical College,NSCB Medical College,MP Medical University,Government Medical University of MP,Director Medical Education of MP ,Paramedical College in Jabalpur,Courses run in Jabalpur Medical College,MP Government,Medical Education Minister,Latest News in Medical Education ,Occupation,Private Medical College in MP ,MBBS Scam ,Paraamadical College run by nscb Medical College,Paramodical College's chaos ,students upset   ,Paramodical College affiliated to Medical University is full of chaos  There is no place for drinking water and seating for students here, yet the government is running the college,nscb medical college,nscb medical hospital,nscb jabalpur,NSCB Medical college jabalpur,

Paramedical College affiliated to Medical University is full of chaos

जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में संचालित पैरामेडिकल कॉलेज में छात्र अव्यवस्थाओं के बीच पढऩे को मजबूर हैं। कॉलेज में न तो छात्रों के बैठने के लिए कॉमन रूम है न पीने के पानी की व्यवस्था। लंच भी गार्डन, बरामदे में करना पड़ता है। पढ़ाई के लिए कमरा भी कंसलटेंट के आने पर मिलता है। किताबों के लिए भी छात्र-छात्राओं को मेडिकल कॉलेज लायब्रेरी के चक्कर काटने पड़ते है। वर्ष 2003 से शुरू हुए पैरामेडिकल कोर्स में सुविधाएं नहीं बढ़ाए जाने से छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रत्येक सत्र में 1.41 करोड़ रुपए प्राप्त
पैरामेडिकल कॉलेज का संचालन कोर्स के शुल्क से मिलने वाली राशि से होता है। प्रत्येक शिक्षण सत्र में शुल्क से लगभग 1.41 करोड़ रुपए प्राप्त होते हैं। कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार मेडिकल कॉलेज के कंसलटेंट को शिक्षण-प्रायोगिक कार्य और कर्मचारियों को अतिरिक्त कार्य के लिए शुल्क मद से मानदेय का भुगतान किया जाता है। सूत्रों के अनुसार कई एेसे कर्मचारियों को भी मानदेय दिया जा रहा है, जिनका पैरामेडिकल कोर्स के संचालन में कोई योगदान नहीं है।
इतना हर माह बांट रहे मानदेय
डीन को 6000, को-ऑर्डिनेटर को 6000, सब कोऑर्डिनेटर को 4000, अधीक्षक अस्पताल को 2500, बीटीटी कोर्स इंचार्ज, सर्जरी, एनेस्थीसिया ऑफिसर, डीएमएलटी कोर्स इंचार्ज, डायलिसिस कोर्स इंचार्ज को 2000, आहरण संवितरण और उपसंचालक वित्त को 1500, प्रभारी स्टेनो को 1000, कार्यकारी कार्यालय अधीक्षक को 1000, भंडार गृह, स्टोर कीपर, न्यायालय प्रभारी, स्थापना राजपत्रित, सर्जरी विभाग, स्थापना अराजपत्रित, स्थापना कैश, ऑटोनोमस सेल एवं लाइब्रेरियन को 1000, कैशियर सहायक, जावक शाखा, आवक शाखा, वाहन व्यवस्था व वाहन चालक को 500 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है।
इन कोर्स का संचालन
डीएमएलटी, बीपीटी, डीटीटी, डायलिसिस टेक्नीशियन, आप्थल्मिक असिस्टेंट, एक्स-रे टेक्नीशियन, एनेस्थीसिया टेक्नीशियन, आेटी टेक्नीशियन, हेल्थ इंस्पेक्टर एवं ईसीजी टेक्नीशियन।

डीन का कहना है
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना पैरामेडिकल कॉलेज के आय-व्यय की समीक्षा होगी। छात्र-छात्राओं की सुविधाएं बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो