बता दें कि सरकार ने सभी शासकीय गैर अनुदानित, सीबीएसई, आईसीएसई व अन्य बोर्ड से संबद्ध स्कूल प्रबंधन को सख्त हिदायत दी है कि कोई स्कूल प्रबंधन इस साल भी फीस नहीं बढ़ाएगा। सरकार ने केवल ट्यूशन फीस लेने की छूट दी है। इससे निजी स्कूल प्रबंधन नाराज हैं। वो लगातार सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
यहां यह भी बता दें कि खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 जुलाई को स्कूल न खोलने और केवल ट्यूशन फीस लेने का निर्देश दिया था। इसके दो दिन बाद यानी आठ जुलाई को निजी स्कूल प्रबंधन ने सीएम की घोषणा का विरोध किया। साथ ही 12 जुलाई से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी। लेकिन सरकार उनके सामने नहीं झुकी और उसी दिन शाम को ट्यूशन फीस लेने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के बाद निजी स्कूल प्रबंधन ने 12 जुलाई से ऑनलाइन एजुकेशन बंद करने का ऐलान करते हुए अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया।
उधर निजी स्कूल प्रबंधन की हड़ताल की धमकी के साथ ही अभिभावकों ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके तहत जबलपुर नागरिक उपभोक्ता मंच ने निजी स्कूलों को 48 घंटे का नोटिस भेजा है। इस बीच भोपाल में अभिभावकों ने सरकार के ट्यूशन फीस लेने और कोरोना के तीसरी लहर की आशंका के बीच अभी स्कूल न खोलने के निर्णय का खुला समर्थन किया है। अभिभावकों ने इस मसले पर कोर्ट जाने की धमकी भी दी है।