बच्चों में विश्वास बढ़ाएं
रिजल्ट जारी होने का टेंशन हर बच्चे में होता है। ऐसे में पैरेंट्स की सबसे बड़ी ड्यूटी होती है कि बच्चे में विश्वास जगाएं। उसे बताएं कि रिजल्ट चाहे जैसा भी हो आगे की तैयारी बेहतर करें।
हार नहीं मानें
रिजल्ट चाहे जैसा हो, बच्चे को बिंदास रहने के लिए प्रेरित करें। कम माक्र्स आने पर भी दिलदार पैरेंट्स की तरह बच्चे की खुशी में शामिल हों। उसे दोबारा से तैयारी करने के लिए प्रेरित करें।
मनोबल बढ़ाएं
बच्चे के व्यवहार में रिजल्ट जारी होने के साथ ही बदलाव नजर आए, तो अनदेखी न करें। बच्चा अगर मजाक में भी रिजल्ट खराब आने के बाद घर से बाहर जाने के लिए कहे, तो उसे समझाएं। बताएं कि जिंदगी में उसके लिए अभी मौके ही मौके ही मौके हैं। उसे बताएं कि 10वीं या 12वीं कॅरियर का अंत नहीं है। कई उदाहरण भी दे सकते हैं।
मोटिवेट करें जरूर
काउंसलर डॉ. सुमित पासी का कहना है कि रिजल्ट सिर्फ बच्चे का नहीं पैरेंट्स के धैर्य का भी होगा। ऐसे में रिजल्ट चाहे जो भी हो अपने बच्चे के साथ हमेशा खडे रहें। डांटने के बजाय उससे बातों में उलझाए रहिए। उसे मोटिवेट करें, ताकि नेक्स्ट क्लास में वह बेहतर अचीव कर सके।