scriptMp Board 10th और 12th के रिजल्ट के बाद बच्चों से ज्यादा पैरेंट्स लें धैर्य से काम | Parents have to be patient after mpbse Result 2019 | Patrika News

Mp Board 10th और 12th के रिजल्ट के बाद बच्चों से ज्यादा पैरेंट्स लें धैर्य से काम

locationजबलपुरPublished: May 14, 2019 10:16:59 pm

Submitted by:

abhishek dixit

कागज में सिमटता है रिजल्ट, सब पास होते हैं, फेल शब्द मजाक से ज्यादा नहीं

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जबलपुर. ‘न होना हताश सिर्फ एक कागज के टुकड़े में अपने माक्र्स देखकर, क्योंकि मां-पिता के लिए तुम उनके जिगर के टुकड़े हो, जो सिर्फ तुम्हें देखकर ही खुश हो जाते हैं। कम माक्र्स आएं तो हताश मत होना, क्योंकि उम्मीदें अभी कई बाकी हैं ऊंची उड़ान भरने के लिए।’ ये लाइन सभी बच्चों के लिए हैं। हर स्टेज पर बच्चों की डिक्शनरी में ये लाइन रहनी ही चाहिए। आज जब रिजल्ट जारी हो तो, पैरेंट्स की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। बच्चे तो बच्चे होते हैं। उन्हें यही बताएं कि रिजल्ट जारी होना लाइफ की सामान्य प्रक्रिया है। इसे ‘टेक इट इजी’ की तरह लें। पास होने का जश्न मनाएं। इसके अलावा तो कुछ होता ही नहीं है।

बच्चों में विश्वास बढ़ाएं
रिजल्ट जारी होने का टेंशन हर बच्चे में होता है। ऐसे में पैरेंट्स की सबसे बड़ी ड्यूटी होती है कि बच्चे में विश्वास जगाएं। उसे बताएं कि रिजल्ट चाहे जैसा भी हो आगे की तैयारी बेहतर करें।

हार नहीं मानें
रिजल्ट चाहे जैसा हो, बच्चे को बिंदास रहने के लिए प्रेरित करें। कम माक्र्स आने पर भी दिलदार पैरेंट्स की तरह बच्चे की खुशी में शामिल हों। उसे दोबारा से तैयारी करने के लिए प्रेरित करें।

मनोबल बढ़ाएं
बच्चे के व्यवहार में रिजल्ट जारी होने के साथ ही बदलाव नजर आए, तो अनदेखी न करें। बच्चा अगर मजाक में भी रिजल्ट खराब आने के बाद घर से बाहर जाने के लिए कहे, तो उसे समझाएं। बताएं कि जिंदगी में उसके लिए अभी मौके ही मौके ही मौके हैं। उसे बताएं कि 10वीं या 12वीं कॅरियर का अंत नहीं है। कई उदाहरण भी दे सकते हैं।

मोटिवेट करें जरूर
काउंसलर डॉ. सुमित पासी का कहना है कि रिजल्ट सिर्फ बच्चे का नहीं पैरेंट्स के धैर्य का भी होगा। ऐसे में रिजल्ट चाहे जो भी हो अपने बच्चे के साथ हमेशा खडे रहें। डांटने के बजाय उससे बातों में उलझाए रहिए। उसे मोटिवेट करें, ताकि नेक्स्ट क्लास में वह बेहतर अचीव कर सके।

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