script

फर्जी पासपोर्ट से विदेश जाना चाहती थी यह युवती, रची संगीन साजिश

locationजबलपुरPublished: Apr 12, 2019 09:22:46 pm

Submitted by:

virendra rajak

और भी हैं इसके कारनामे

passport with fake marksheets

passport with fake marksheets

जबलपुर, विदेश जाने की चाह ने एक युवती को अपराध के करीब पहुंचा दिया। युवती ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया, लेकिन खुद को पढ़ा लिखा साबित करने की जद्दोजहद ने युवती से एक एेसा अपराध करा दिया, जो संगीन था। युवती ने पासपोर्ट में एक एेसी अंकसूची लगाई, जो विभाग द्वारा जारी ही नहीं की गई थी, युवती से जब यह सवाल पूछा गया, तो उसने चौकाने वाले बयान दिए
शहर में रहने वाली एक युवती ने पासपोर्ट बनवाने के लिए मुख्य डाकघर स्थित पीओपीएसके में आवेदन किया। खुद को पढ़ा लिखा साबित करने के लिए युवती ने पासपोर्ट में एक अंकसूची लगा दी। यह अंकसूची मध्य प्रदेश स्टेट ओपन स्कूल भोपाल की परीक्षा की थी। लेकिन जब भोपाल में अंकसूची का वेरीफीकेशन हुआ, तो वह फर्जी निकली। यह मामला शनिवार को भोपाल में आयोजित पासपोर्ट अदालत में पहुंचा। जहां अदालत ने युवती पर पांच हजार रुपए का जुर्माना ठोका।
रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर रश्मि बघेल ने बताया कि जबलपुर निवासी 33 वर्षीय युवती ने मुख्य डाकघर स्थित पीओपीएसके से 24 मई 2018 को पासपोर्ट के लिए आवेदन किया। आवेदन में उसने परीक्षा की अंकसूचियां लगाई। जिसमें मप्र स्टेट ओपन स्कूल,भोपाल की 10वीं की अंकसूची थी। जब फाइल भोपाल स्थित वेरिफिकेशन ऑफिसर के पास पहुंची तो उन्हें मार्कशीट के फॉन्ट देखकर कुछ संदेह हुआ। इसके बाद उन्होंने मार्कशीट की सत्यता जानने के लिए इसे मप्र स्टेट ओपन स्कूल के पास भेजा। वहां से जानकारी आई कि यह मार्कशीट मप्र स्टेट ओपन स्कूल ने जारी नहीं की है। जिसके चलते पासपोर्ट विभाग ने विनिता का पासपोर्ट होल्ड कर दिया।
5 हजार रुपए की पेनाल्टी लगाकर क्लोज की फाइल
पासपोर्ट अदालत में पहुंची युवती ने मार्कशीट के फर्जी होने के सवाल पर बताया कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका जबलपुर के एक स्कूल में मेरा सेंटर पड़ा था और वह वहां परीक्षा देने भी गई थी। इसके बाद युवती ने पासपोर्ट ऑफिसर को एक लिखित आवेदन देकर इस गलती के लिए माफी मांगते हुए फाइल क्लोज करने की बात कही। इसके बाद पासपोर्ट ऑफिसर ने युवती पर नियमानुसार जानकारी छिपाने को लेकर 5 हजार रुपए की पेनाल्टी लगाई और फाइल क्लोज कर दी। इस मामले में दलाल की भूमिका संदिग्ध है जिसके माध्यम से युवती ने ओपन बोर्ड से हाईस्कूल का एग्जाम दिया था।
पासपोर्ट के लिए क्यों जरूरी है हाईस्कूल की मार्कशीट
अगर आवेदक ईसीएनआर (इमिग्रेशन चेक नॉट रिक्वायर्ड) कैटेगरी में पासपोर्ट बनवाना चाहता है तो उसे हाईस्कूल की मार्कशीट बतौर एजुकेशनल प्रूफ दिखानी होती है। वहीं हाईस्कूल से कम पढ़े लिखे आवेदकों को ईसीआर कैटेगरी में पासपोर्ट जारी होता है। इस तरह के पासपोर्ट होल्डर्स से विदेश जाते समय एयरपोर्ट के इमिग्रेशन काउंटर पर आम आवेदक से अधिक पूछताछ होती है। पासपोर्ट विभाग के अधिकारी ने बताया कि सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा मप्र स्टेट ओपन स्कूल से जारी मार्कशीट में होता है।

ट्रेंडिंग वीडियो