निराश होकर लौट गए मरीज
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के बाहर हाइटेंशन तार बीती रात टूट गया था। सुबह तक सुधार कार्य तो हो गया लेकिन ट्रिपिंग की समस्या शुरू हो गई। इलाज के लिए मरीज पहुंचे और पंजीयन कार्यालय में कंप्यूटर बंद कर दिए गए। बार-बार बिजली जाने-आने के कारण सोनोग्राफी व एक्स-रे मशीन खराब होने की आशंका के चलते उन्हें भी बंद कर दिया गया। डॉक्टर और कर्मचारी बिजली पूरी तरह से सुधर जाने का इंतजार करते रहे लेकिन तब तक ओपीडी का समय ही बीत गया। आलम ये रहा कि सैकड़ों की संख्या में मरीज निराश लौट गए।
बिजली बंद होने से अस्पताल में पेयजल संकट भी खड़ा हो गया। यहां लगी टंकियां खाली पड़ी थीं, जिसके चलते मरीजों व तीमारदारों को पेयजल नसीब नहीं हुआ। लोग अस्पताल के बाहर होटलों व मुड़वारा स्टेशन में लगे नलों से पानी लेकर आते नजर आए।
महिलाएं करती रही इंतजार
सोनोग्राफी सेंटर के बाहर तीन दर्जन से अधिक महिलाएं मशीन चालू होने का इंतजार करती रहीं। इनमें कुछ गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं तो कुछ पेटदर्द की समस्या से पीडि़त थीं। दोपहर एक बजे तक जब मशीन चालू नहीं हुई तो कई ने निजी सेंटर का रुख कर लिया तो कई निराश घरों को लौट गई।
दर्द से कराहते रहे मरीज
एक्स-रे करवाने के लिए भी मरीज इंतजार में बैठे रहे। नईबस्ती निवासी आरती सड़क एक्सीडेंट में घायल हो गई थी। उसके पैर में मोच थी और डॉक्टर ने एक्स-रे करवाने के बाद ही दवाएं देने के लिए कहा। आरती घटों यहां एक्स-रे के इंतजार में दर्द से तड़पती रही। इसी तरह की स्थिति अन्य मरीजों के साथ भी बनी।