एआरटी सेंटर
– 8116 पंजीकृत पीडि़त है
– 6247 पीडि़त उपचार पर
– 15 ट्रांसजेंडर पंजीकृत
एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. दीपक वरकड़े ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता और जागरुकता की कमी है। समाजसेवी, स्वयंसेवी संगठनों को जमीन पर और बेहतर तरीके से कार्य करना होगा। जबकि, एआरटी सेंटर के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. नमिता पाराशर ने बताया कि देश में कुल एचआइवी पीडि़त के 2 प्रतिशत ही मप्र में है। एनजीओ की मदद से स्थिति में सुधार हुआ है। लेकिन अभी भी एचआइवी पॉजीटिव ज्यादा केस ग्रामीण क्षेत्रों के है। 20-45 वर्ष के लोगों की संख्या भी अधिक है।