जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति…
तिथि – पॉजीटिव केस – कुल मौत – समय
20 मार्च – 04 – 00 – शुरुआत
30 सितंबर- 10025 – 151 – 195 दिन
4 अप्रैल – 20025 – 273 – 170 दिन 122
22 अप्रैल – 30680 – 362 – 20 दिन 89
04 मई – 40017 – 455 – 14 दिन 93
02 जून – 50025 – 617 – 28 दिन 162
42 दिन के लॉकडाउन से काबू में आया संक्रमण
शहर में पिछली साल आयी कोरोना की पहली लहर के बाद नवंबर माह से हालात सामान्य होने लगे थे। पिछले वर्ष नवम्बर से इस फरवरी माह तक औसतन 18-25 दिन में कोरोना के एक हजार नए मरीज मिल रहे थे। जैसे-जैसे जनजीवन सामान्य हुआ, बाजार पूरे खुले, भीड़ होने लगी और लोगों कोरोना को भूल गए। संक्रमण से बचाव के उपाय में लापरवाही हुई। नतीजा मार्च महीने से कोरोना ने फिर सिर उठाना शुरु कर दिया। एक पखवाड़े में ही हालात इतने बिगड़ गए कि 21 मार्च से लॉकडाउन करना पड़ा। एक से दो दिन में एक से डेढ़ हजार नए संक्रमित मिलने लगे। 42 दिन तक सब कुछ बंद रखने और बंदिशों के बाद संक्रमण कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सका।
अनलॉक में गलती दोबारा की तो फिर बनेगी वही स्थिति
कोरोना की दूसरी लहर में लंबे जनता कफ्र्यू के बाद 1 जून से शहर अनलॉक हुआ है। यदि पहली लहर के बाद की गई गलती दोबारा की गई तो तीसरी लहर का आना तय है। जानकारों के अनुसार पहली लहर में बुजुर्ग, दूसरी लहर में युवा ज्यादा प्रभावित हुए है। पहली लहर के अपेक्षाकृत दूसरी लहर में कोरोना से मौतें भी ज्यादा हुई है। तीसरी लहर का असर बच्चों पर होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में यदि घर से बाहर निकलने और बाहर निकलने वाले संयम और सावधानियां नहीं रखी तो संक्रमण को फैलने का फिर से मौका मिल सकता है।
वर्जन
कोरोना का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। बाजार खुल रहे हैं। बाकी गतिविधियां सामान्य हो रही हैं। इस दौरान दो गज की दूरी, मास्क और बार-बार साबुन से हाथ धोना नहीं छोडऩा है। संक्रमण के नुकसान से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगवाना चाहिए। सुरक्षा और सावधानी से ही कोरोना को नियंत्रित कर सकते हैं।
– डॉ. संजय भारती, कोविड आइसोलेशन वार्ड इंचार्ज, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज