माफियाओं के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत प्रशासन, नगर निगम एवं पुलिस की टीम ने यह कार्रवाई की। सीलिंग की इस जमीन का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में था। इसमें प्रशासन के पक्ष में निर्णय हुआ था। जैसे ही जेसीबी खेत में पहुंची तो कब्जेधारियों ने विरोध किया। एसडीएम अधारताल शाहिद खान ने बताया कि ग्राम करमेता-औरिया की जबलपुर-कटंगी मार्ग से लगी सीलिंग की इस भूमि पर फ सल ली जा रही थी। पांच एकड़ भूमि पर पानी भरे होने के कारण वहां बाद में कार्र वाही की जाएगी।
कॉलोनी के बीच फंसी जमीन
माफिया दमन दल ने माढ़ोताल के समीप ढाई एकड़ से ज्यादा सीलिंग की जमीन को कब्जामुक्त कराया। गोल्डन टाउनशिप के बीच में यह जमीन है। इसके चारों तरफ बिल्डर सौरभ बड़ेरिया की ओर से कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। इससे यह जमीन बीच में फंस गई। इसका रास्ता भी नहीं था। एसडीएम अधारताल ने बताया कि राजस्व विभाग के अमले की ओर से गोल्डन टाउनशिप के भीतर स्थित करीब ढाई एकड़ सीलिंग की भूमि कब्जामुक्त कराई। बिल्डर की जमीन से रास्ता निकाला गया। बिल्डर को अपनी जमीन की फेंसिंग करने के लिए भी कहा गया।
रांझी तहसील के अंतर्गत बड़ी कार्यवाही
माफि या दमन दल ने शुक्रवार को रांझी तहसील के अंतर्गत बड़ी कार्यवाही कर सीलिंग की एक एकड़ शासकीय भूमि को बिल्डर के अवैध कब्जे से मुक्त कराया। भूमि की कीमत लगभग पांच करोड़ रुपए है। जिला प्रशासन, नगर निगम एवं पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बिल्डर आतिश पांडे के कब्जे से खसरा नंबर 675 एवं 676 की इस भूमि को मुक्त कराया गया।रांझी एसडीएम मनीषा वास्कले ने बताया कि बिल्डर आतिश पांडे द्वारा इस भूमि पर प्लाटिंग कर विक्रय किया जा रहा था । कार्यवाही के दौरान शासकीय भूमि पर बने दो अधूरे मकानों को जेसीबी मशीनों की सहायता से ढहा दिया गया। देर शाम तक सीलिंग की शासकीय भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की चली। कार्रवाई में तहसीलदार राजेश सिंह, नगर निगम के संभागीय अधिकारी दीप नारायण मिश्रा एवं रांझी थाने का पुलिस बल मौजूद था ।
करमेता औरिया में 25 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया। यह सीलिंग की जगह थी। माढ़ोताल में गोल्डन टाउनशिप कॉलोनी के बीच फंसी जमीन को कब्जे में लिया गया। कॉलोनी का निर्माण सौरभ बड़ेरिया के द्वारा किया जा रहा है।
भरत यादव, कलेक्टर