जबलपुर

आज से पौष मास प्रारम्भ, अब अगले साल होंगे शुभ कार्य

विवाह के लिए वर्ष के अंतिम मुहूर्त पर देर रात तक गूंजी शहनाई

जबलपुरDec 13, 2019 / 12:59 am

sudarshan ahirwa

Clarinet

जबलपुर. शुभ विवाह के लिए इस वर्ष के अंतिम श्रेष्ठ मुहूर्त पर गुरुवार की देर रात तक शहनाईयां गूंजीं। बैंड-बाजा के साथ सडक़ों पर बारात निकलीं। विवाह मंडप में सात-फेरे हुए। आतिशबाजी, धूमधाम से विवाह हुए। इसके साथ ही इस सिलसिले पर एक महीने तक का ब्रेक लग गया। पंचांग के अनुसार शुक्रवार से पौष कृष्ण पक्ष प्रारंभ हो जाएगा। इस बार खरमास की शुरुआत 16 दिसम्बर को देर रात से लग रहा है, लेकिन ग्रहों की स्थिति के कारण शुक्रवार से ही शुभ और मांगलिक कार्यों में विराम लग जाएगा।

गुरु की दिशा से जल्दी विराम
ज्योतिषविद जनार्दन शुक्ला के अनुसार 17 दिसम्बर को रात 00.29 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ एक माह के लिए शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। पौष प्रारंभ होने के चार दिन बाद खरमास लग रहा है। इस बार गुरु पश्चिमी दिशा में अस्त हो रहे हैं। इसलिए पोष माह के प्रारंभ होते ही मांगलिक कार्यों पर विराम लग रहा है।

एक माह बाद होंगे विवाह
सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ खरमास शुरु हो जाएगा। करीब एक माह तक सूर्य धनु राशि में रहेंगे। उसके बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। पंचांग के अनुसार नए वर्ष में 15 जनवरी को सुबह 7.54 बजे तक धनु राशि में रहने के बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास का अंत होगा। शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगा विराम समाप्त हो जाएगा। शहनाई की गूंज दोबारा सुनाई पड़ेगी।

वर्ष में दो बार विराम वर्ष में दो बार करीब एक एक माह के लिए शुभ और मांगलिक कार्यों पर विराम लगता है। इस अवधी को मल और खरमास कहा जाता है। ज्योतिषविद के अनुसार सूर्य जब-जब गुरु की राशि में आते हंै तो उस महीने का नाम खरमास होता है। इस दौरान सूर्य धनु राशि में और जब सूर्य मीन राशि में आते हैं तो वह खरमास माना जाता है। खरमास में मांगलिक कार्य निषिद्ध रहते हैं। अगला खरमास होली के बाद होगा।

खरमास में निषिद्ध होता है
हिन्दू धर्म में खरमास में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। ज्योतिष के अनुसार शुभ कार्यों की सफलता के लिए सूर्य का मजबूत होना जरुरी है। खरमास में जब सूर्य गुरु की राशि में होता है तो उसकी स्थिति कमजोर हो जाती है। सगाई, विवाह, वधु प्रवेश, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश सहित अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

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