यह है मामला
राज्य सरकार की ओर से यह अपील दायर कर कहा गया कि सरकारी नीति के तहत अस्थायी सरकारी कर्मियों को कार्यकाल के दौरान अर्जित अवकाश की पात्रता है। कार्यकाल के दौरान वे यह अवकाश ले सकते हैं या इसका नगदीकरण करा सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद अर्जित अवकाश का नकदीकरण न किए जाने के नियम को कई सेवानिवृत्त कर्मियों ने चुनौती दी। इन पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 24 जुलाई 2018 को फैसला सुनाते हुए कहा कि अर्जित अवकाश का नकदीकरण रिटायरमेंट के बाद भी किया जाना चाहिए। इसी फैसले को अपील में चुनौती दी गई। शासकीय अधिवक्ता विवेक रंजन पांडे ने तर्क दिया कि नियमानुसार अस्थायी कंटिन्जेंसी कर्मियों को अधिकतम 30 दिन व स्थायी होने वाले कंटिन्जेंसी कर्मियों को 120 दिन का अर्जित अवकाश मिलता है। लेकिन यह सुविधा केवल कार्यकाल के दौरान ही दी जाती है, रिटायरमेंट के बाद नहीं। सहमत होकर कोर्ट ने सिंगल बेंच का आदेश निरस्त कर दिया।