मरीजों को होगा फायदा
मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की प्रदेश ही नहीं देश में अलग पहचान है। यहां पर प्रदेश व देश के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न तरह की जन्मजात विकृति व सर्जिकल समस्या से पीडित एक दिन के नवजात से लेकर 18 वर्ष की उम्र तक के किशोर सर्जरी के लिए आते हैं। जिनकी अत्याधुनिक तकनीक से सर्जरी की जाती है। कोर्स प्रारंभ होने के तीन वर्ष बाद यहां से हर वर्ष दो सुपर स्पेशलिट बनेंगे। जिससे प्रदेश व देश में सुपर स्पेशलिस्ट पीडियाट्रिक सर्जन की संख्या बढ़ेगी। प्रदेश से मेडिकल कॉलेज में अध्यन करने वाले डॉक्टर्स के समक्ष भी यहां से सुपर स्पेशलिटी अध्यन का विकल्प होगा। प्रदेश में अभी यह कोर्स इंदौर में ही संचालित है। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग प्रमुख डॉ. विकेश अग्रवाल के अनुसार विभाग में सभी आवश्यक संसाधन व फैकल्टी हैं। कोर्स प्रारंभ होने से सुपर स्पेशलिस्ट की संख्या बढने के साथ ही मरीजों को फायदा होगा।
कॉलेज द्वारा सुपर स्पेशलिटी कोर्स एमसीएच पीडियाट्रिक सर्जरी शुरू करने सम्बंधी सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं। शासन स्तर पर स्वीकृति के बाद मेडिकल यूनिवर्सिटी की टीम ने सम्बद्धता सम्बन्धी औपचारिकताओं के लिए निरीक्षण कर लिया गया है। एनएमसी के समक्ष नई सीटों का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। अगले सत्र से नए सुपर स्पेशलिटी कोर्स की दो नई सीटों को मान्यता मिल सकती है।
– डॉ. प्रदीप कुमार कसार, डीन, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज