जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार लोगों के पास हैं। वहीं शहरी क्षेत्र में केंट, ओमती, सिविल लाइन सहित कुछ अन्य थानों में लाइसेंसी हथियारों की संख्या अधिक है। चुनाव के दौरान जैसे ही आचार संहिता लागू हुई प्रशासन ने लाइसेंसी हथियारों को संबंधित क्षेत्र के थानों में जमा करवाने के निर्देश जारी किए थे। यह प्रक्रिया विधानसभा और लोकसभा चुनाव दोनों ही मौकों पर पूरी की गई। विधानसभा चुनाव से जमा जिले के कुछ लाइसेंसी ऐसे हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए प्रभावी हुई आचार संहिता में अपने हथियार जमा कराए तो फिर उन्हें अब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के उपरांत निकाला। क्योंकि दोनों चुनाव के बीच में कुछ दिनों का अंतर ही था।
दुरुपयोग रोकने जमा करवाता है प्रशासन
इन हथियारों को इसलिए जमा कराया जाता है ताकि चुनाव में इनका दुरुपयोग नहीं हो। हालांकि दोनों ही चुनाव में छुटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो कोई बड़ी वारदात नहीं हुई। ऐसे में प्रशासन के साथ पुलिस को भी राहत रही। लेकिन जैसे ही आचार संहिता समाप्त हुई, लाइसेंसी अपने हथियार के लिए थाना पहुंचने लगे हैं। हालांकि कुछ थानों से हथियार को इसलिए रिलीज नहीं किया जा रहा है क्योंकि थानेदारों का का कहना है कि उन्हें अभी प्रशासन की तरफ से काई आदेश नहीं मिले हैं। ऐसे में लोग शस्त्र लेने के लिए भटक भी रहे हैं। हालांकि जानकारों का कहना है कि नियमानुसार 26 मई को आचार संहित खत्म होते ही इन्हें वापिस दिया जा सकता है।
प्रमुख थानों की स्थिति
थाना जमा लाइसेंसी हथियार
पाटन 596
ओमती 230
बेलखेड़ा 192
मदन महल 158
शहपुरा 157
केंट 046