बता दें कि सहायक आबकारी आयुक्त दुबे को एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब बेचवाने के आरोप में निलंबित किया है। आरोप है कि ऐसा कर के दुबे शासन को करोड़ों का चूना लगा रहे थे।
बता दें कि एसएन दुबे पर जबलपुर ईओडब्ल्यू ने भी मामला दर्ज किया है। सीएसडी कैंटीन जबलपुर, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सभी जिलों की आर्मी कैंटीन को अन्य सामानों के साथ शराब की भी आपूर्ति करती है। इसके लिए सीएडी कैंटीन को लाइसेंस हासिल है। उस लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए महाप्रबंधक ने मार्च 2018 में आवेदन किया था। लेकिन सहायक आबकारी आयुक्त दुबे और विभागीय लिपिक विवेक अग्रवाल ने उसे दबा दिया। परिणामस्वरूप लाइसेंस नवीनीकरण का आवेदन कलेक्टर तक पहुंचा ही नहीं और सीएसडी प्रबंधन को निजी ठेकेदारों से शराब खरीदकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सप्लाई करनी पड़ी। इससे मध्य प्रदेश शासन को तीन करोड़ का नुकसान हुआ था। इसकी शिकायत मिलने पर ईओडब्ल्यू ने दुबे और विवेक पर भ्रष्टाचार अधिनियम सहित अन्य संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की और तमाम सबूतों के आधार पर एसएन दुबे के निलंबन की कार्रवाई की गई।