जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने राज्य में महापौर व नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने के खिलाफ दायर दूसरी जनहित याचिका भी खारिज कर दी। इससे पूर्व भी एक अन्य जनहित याचिका खारिज की जा चुकी है।चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल व जस्टिस विष्णुदेव प्रताप सिंह की डिवीजन बेंच ने कहा कि पहले भी कोर्ट अप्रत्यक्ष प्रणाली से निर्वाचन कराए को सही करार दे चुकी है। जबलपुर निवासी डॉ.पीजी नाजपांडे व एमए खान की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि नगरीय निकाय चुनाव अंतर्गत महापौर व नगर पालिका अध्यक्ष पद का निर्वाचन प्रत्यक्ष के स्थान पर अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने का निर्णय अनुचित है। महापौर व नगर पालिका अध्यक्ष के निर्वाचन सीधे तौर पर जनता के मतदान के जरिए कराए जाने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत अधिक लोकतांत्रिक थी। संशोधित अप्रत्यक्ष प्रणाली के तहत महापौर व नगर पालिका अध्यक्ष का निर्वाचन पार्षदों के जरिए कराए जाने की व्यवस्था दी गई है। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि इस प्रणाली से लोकतांत्रिक मूल्यों पर कुठाराघात होगा। भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।