यह है मामला
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच जबलपुर के डॉ.पीजी नाजपांडे ने जनहित याचिका में कहा कि हनी ट्रेप मामला हाईप्रोफाइल है। इसमें कई बड़े अधिकारी, बिल्डर, राजनेता सहित अन्य के नाम शामिल हैं। जांच को लेकर पुलिस के दो आला अधिकारियों के बीच विवाद भी चर्चा में रह चुका है। ऐसे में इतने बड़े मामले की जांच राज्य की पुलिस से कराने की जगह किसी उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से कराई जाए। हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित करने का निर्देश भी दिया जा सकता है। अधिवक्ता ग्रीष्म जैन ने तर्क दिया कि व्यापमं घोटाले की वजह से पहले ही राज्य व पुलिस सहित अन्य संबंधित अमलों की छवि को गहरा आघात पहुंच चुका है। ऐसे में हनी ट्रेप जैसे बड़े मामले में गभीरता बरतना आवश्यक है।
इंदौर बेंच से नोटिस हो चुके जारी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चूंकि इंदौर बेंच में इसी संबंध में दायर एक अन्य जनहित याचिका पर नोटिस जारी हो चुके हैं और वह विचाराधीन है, इसलिए एक ही विषय पर दूसरी जनहित याचिका की यहां सुनवाई व्यवहारिक नहीं है। इसलिए याचिकाकता इंदौर बेंच में लंबित जनहित याचिका के साथ अपनी जनहित याचिका भी संलग्न करने का निवेदन कर सकता है।