कई जिलों से आते हैं लोग
जबलपुर में कई गवर्नमेंट और अच्छे प्राइवेट्स कॉलेज होने के कारण शहर के आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ दूसरे जिलों से भी कई स्टूडेंट्स यहां पढ़ाई के लिए आते हैं। इसमें गोटेगांव, नरसिंहपुर, कटनी, करेली, मंडला, डिंडोरी, गाडरवारा, मैहर, सिवनी, शहडोल, उमरिया, पन्ना जैसे क्षेत्रों से यहां स्टूडेंट्स पढऩे आते हैं। ऐसे में डिग्री कॉलेजों में एडमिशन शुरू होने के साथ-साथ वे अपने लिए हॉस्टल और पीजी रूम्स को खोजने की कवायद भी शुरू कर चुके हैं।
इन जगहों में अधिक हॉस्टल एंड रूम्स
– नेपियर टाउन
– राइट टाउन
– सिविल लाइंस
– सदर
– विजयनगर
– संजीवनी नगर
– गढ़ा
– रानीताल
– गोरखपुर
– चौथा पुल
– शास्त्री ब्रिज
पीजी कल्चर का अधिक ट्रेंड
पिछले कुछ समय से हॉस्टल की बजाय पीजी कल्चर का ट्रेंड नजर आ रहा है। इसका कारण जहां युवाओं को बंदिश से दूर रहने में आजादी दिलवाना है, वहीं रूम शेयरिंग करके महीने का किराया बचाना है। प्रियांश और उसके दोस्तों का कहना है कि वे गोटेगांव में रहने हैं, यहां गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन के लिए आएं हैं। अब पीजी की सर्च भी शुरू कर दी है, ताकि तीन दोस्त रूम शेयरिंग में रहकर खर्च को बचा सकें।
सेफ्टी पर सबसे ज्यादा फोकस
स्टूडेंट्स का कहना है कि वे किसी भी जगह में रूम लेने से पहले वहां की लोकेलटी और वातावरण का खासा ध्यान रहे हैं। खासतौर पर गल्र्स फैमिली होल्डर वाले ओनर के यहां पेइंग गेस्ट बन रही हैं। उनका कहना है कि वर्तमान समय सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए बहुत जरूरी हो गया है। इसके साथ ही हॉस्टल और पीजी के लिए वे सीसीटीवी सुविधा, नजदीकी थाना और हॉस्पिटल सुविधा का भी खासा ध्यान रख रही हैं।
इन बातों का रख रहे ध्यान
– बेहतर लोकेशन
– नजदीक में थाने
– फैमिली होल्डर ओनर्स
– टांसपोर्टेशन की कनेक्टिविटी
– सेफ एंड हेल्दी एटमोस्फियर