दो शेड्यूल, फिर भी भ्रम
शहरी प्रा. स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन के दो शेड्यूल हैं। मजदूरों की सुविधा के लिहाज से तीन डिस्पेंसरी को दोपहर 12 बजे से शाम छह बजे तक खोलने का निर्णय किया गया है। शेष पीएचसी को अस्पतालों की ओपीडी के समय पर ही खोलना है। सरकारी अस्पतालों में रूटीन ओपीडी का समय सुबह नौ बजे से शाम 4 बजे तक है। यह जानकारी भी डिस्पेंसरी में अंकित नहीं होने से मरीज जांच के समय को लेकर भ्रम में रहते हैं।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर को करीब आठ घंटे सेवा देना है, लेकिन डॉक्टर तीन से पांच घंटे ही बैठ रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार किसी डिस्पेंसरी में डॉक्टर दो शिफ्ट में बैठते हैं तो कहीं पांच-छह घंटे की एक शिफ्ट हो रही है। दो शिफ्ट में आने वाले डॉक्टर दो से ढाई घंटे का लंच ब्रेक ले रहे है। इसमें से भी कुछ डॉक्टर लंच के बाद वापस नहीं लौटते। अधिकतर डिस्पेंसरी में डॉक्टर सुबह 11 बजे के बाद ही पहुंचते हैं।
पीएचसी में डॉक्टरों को समय पर उपस्थित होना चाहिए। समय पर नहीं आने वाले डॉक्टरों की जांच कराई जाएगी। बोर्ड पर समय भी दर्ज कराया जाएगा।
डॉ. मनीष मिश्रा, जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी