तीन बार टल चुकी थी- एमयू की स्थापना के बाद से पीएचडी कराने को लेकर प्रयास किए जा रहे थे। पिछले वर्ष प्रीपीएचडी टेस्ट की तारीख भी तय कर दी गई थी। लेकिन तीन बार तारीख तय होने के बाद परीक्षा स्थगित कर दी गई। अभी तक विवि में चिकित्सा पाठ्यक्रम में स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं के लिए रिसर्च डिग्री को लेकर कोई विकल्प नहीं था। एंट्रेंस टेस्ट के आयोजन पर मुहर लगने से एमयू में रिसर्च प्रोग्राम को लेकर नई शुरुआत होगी।
ये है स्थिति: – 10 अप्रैल आवेदन की अंतिम तिथि
– 20 अप्रैल को एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन – 04 फैकल्टी में पीएचडी प्रोग्राम स्वीकृत
– 108 कुल सीटें है पीएचडी करने के लिए
– 150 से अधिक आवेदन पहले ही आ चुके है सीटों का गणित
संकाय : निर्धारित सीटें डेंटल : 03
मेडिकल : 34 आयुर्वेद : 31
नर्सिंग : 40 छह शहरों में रिसर्च सेंटर
जबलपुर, रीवा, भोपाल, इंदौर, रतलाम, ग्वालियर इन्हें आवेदन नहीं करना पड़ेगा- एमयू की ओर से पीएचडी एंट्रेंस के लिए पहले निकले गए आदेश के तहत कुछ उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किए थे। इन उम्मीदवारों को अप्रैल, 2019 में होने वाले पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट के लिए दोबारा से आवेदन पत्र जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। पूर्व में आवेदन कर चुके विद्यार्थियों को दोबारा फॉर्म भरने से छूट दी गई है। वे पहले जमा किए गए ऑनलाइन आवेदन की रिसिप्ट के साथ 20 अप्रैल के एंट्रेंस टेस्ट के लिए एडमिट कार्ड जनरेट कर सकेंगे।
रिसर्च वर्क को बढ़ावा मिलेगा
मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरएस शर्मा के अनुसार पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट के लिए तिथि तय की गई है। 20 अप्रैल को टेस्ट होगा। विवि का यह पहला पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट होगा। इससे यूनिवर्सिटी में रिसर्च वर्क को बढ़ावा मिलेगा।