जबलपुर। कारगिर युद्ध में दुश्मन सेना पर कहर बरपाने वाले पिनाक रॉकेट लांचर के एक पार्ट्स का जल्द ही शहर में निर्माण शुरू हो सकता है। जबलपुर वीकल फैक्ट्री देश में विकसित किए गए इस रॉकेट लांचर के गियर बॉक्स बनाने की संभावनाएं तलाश रही है। इस कवायद में वीएफजे के कर्मचारियों के एक दल को चंडीगढ़ स्थित मुरादनगर आयुध निर्माणी भेजा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार चंडीगढ स्थित निर्माणी में पिनाक रॉकेट लांचर के कुछ अहम कलपुर्जों का निर्माण किया जाना है। वीएफजे इसी प्रोजेक्ट में कुछ कार्य हासिल करने के प्रयास में है। इसके तहत फैक्ट्री में गियर बॉक्स निर्माण की संभावना है।
डीआरडीओ ने बनाया है
पिनाक को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है। यह एक मल्टी बैरल रॉकेट लांचर है। यह महज 44 सेकंड में 12 हाई एक्प्लोसिव रॉकेट फायर करने में सक्षम है। गतिशीलता की बात की जाए तो इसे सैन्य वाहन पर लोड (फिक्स) रखा जाता है। पिनाक कारगिल युद्ध के दौरान भी सेवा में रही थी। जहां यह पवज़्त चोटियों पर दुश्मन सेना को निष्क्रिय करने में बेहद कारगर साबित हुईं। इसके बाद से ही इसे बड़ी संख्या में
भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया।
एक माह रहेंगे फैक्ट्री कर्मी
सूत्रों के अनुसार वीकल फैक्ट्री द्वारा कुछ कर्मचारियों को मुरादनगर ऑर्डिनेंस फैक्टरी में पिनाक से संबंधित जानकारी और उसके कामकाज को देखने के लिए भेजा रहा है। इन कर्मियों वे वीएफजे के वे लोग है जो इस सेक्टर में जानकार माने जाते है। एक महीने के अपने दौरे में ये कर्मचारी गियर प्रोडक्शन मैथड के अलावा उन क्षेत्रों पर भी दिमाग दौड़ाएंगे जिनके उत्पादन की संभावनाएं वीएफजे में तलाशी जा सके। इसके बाद रॉकेट लांचर के गियर बॉक्स निर्माण के संबंध में अंतिम निर्णय होगा।
रफ्तार बढ़ाएंगे ये गियर
जानकारों के अनुसार पिनाक लांचर के मौजूदा वर्जन में डीजल इंजन का इस्तेमाल किया जा रहा है वह इसकी रफ्तार को 80 किमी प्रति घंटे तक पहुंचाता है। सूत्रों का कहना है कि वीएफजे में गियर बॉक्स का निर्माण होने पर इसे और अपडेट वर्जन के साथ बनाने के प्रयास होंगे। ताकि रफ्तार और बढ़ सके।
नए
काम के लिए परेशान प्रशासन
सूत्रों के अनुसार वीएफजे नए काम हासिल करने के लिए परेशान है। अगले वर्ष के बाद वीएफजे के पास कोई अधिक कार्य नहीं है। इसके चलते इन दिनों वीएफजे प्रशासन निजी कंपनियों को जोडऩे के साथ ही कई प्रकार से नए प्रोजेक्ट हासिल करने की कवायद कर रहा है। पिनाक रॉकेट लांचर के कलपुर्जे निर्माण के कार्य को इसी प्रयास से जोड़कर देखा जा रहा है।