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15 हजार में मनचाही पिस्टल उपलब्ध करा देते थे ये शातिर बदमाश

locationजबलपुरPublished: Dec 21, 2018 09:34:20 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

क्राइम ब्रांच की टीम ने बरामद की पिस्टलें

Pistols smuggled at lowest prices

15 हजार में मनचाही पिस्टल उपलब्ध करा देते थे ये शातिर बदमाश

जबलपुर। इंपोर्टेड जैसी दिखने वाली शानदान पिस्टल महज 15 हजार रुपए में और देशी कट्टा चार से पांच हजार का…। ये रेट हैं उन तस्करों के जो शहर व आसपास के अंचलों में जाकर पिस्टल और कट्टों की बिकवाली और तस्करी करते थे। क्राइम ब्रांच और केंट की संयुक्त टीम ने गुरुवार रात गोलछा बारात घर के पास दबिश देकर दो तस्करों को दबोचा। ये तस्कर दमोह से 15 हजार में पिस्टल और पांच हजार में कट्टा खरीद कर तस्कर शहर में बेच रहे थे। पुलिस ने दोनों के पास से तीन देसी पिस्टल, एक कट्टा और तीन कारतूस जब्त किए हैं।

शातिर हैं दोनों बदमाश
एसपी अमित सिंह ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर दोनों तस्करों को दबोचा गया। गिरफ्त में आए आरोपितों में बड़ी खेरमाई दुर्गा चौक हनुमानताल निवासी डिम्पल सोनकर और हनुमानताल निवासी राजेश उर्फ फरसा सोनकर है। टीम ने फरसा के पास से एक पिस्टल, कट्टा और दो कारतूस जब्त किए। डिम्पल के पास से दो पिस्टल और एक कारतूस जब्त किया। दोनों के खिलाफ केंट थाने में आम्र्स एक्ट का अलग-अलग प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मौके पर एएसपी संजीव उईके, एएसपी शिवेश सिंह बघेल, केंट टीआइ आरके सोनी सहित क्राइम ब्रांच की टीम मौजूद थी।

आसपास के जिलों तक जाल
पुलिस के अनुसार आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि दमोह व आसपास के क्षेत्रों में कुछ तस्कर सक्रिय हैं, जो जबलपुर के अलावा आसपास के कई शहरों और कस्बों तक में अवैध पिस्टल व देशी कट्टों की सप्लाई कर रहे हैं। ये तस्कर 10 हजार में विदेशी जैसी दिखने वाली पिस्टल और 2 से 3 हजार रुपए में देशी कट्टा उपलब्ध कराते हैं। स्थानीय तस्कर इसे 5 से 15 हजार रुपए तक में बेचते हैं। उल्लेखनीय है कि एसटीएफ ने भी इसी तरह के तस्करों से हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया था।

हू-बहू इम्पोर्टेड दिखती है पिस्टल
पुलिस के अनुसार तस्करों से जो पिस्टलें बरामद की गई हैं, वे बिल्कुल इम्पोर्टेड जैसी दिखती हैं। इनमें इतनी सफाई और बारीकी से काम किया गया है, जैसे विदेशी पिस्टलों होता है। बताया गया है कि ये तस्कर इन पिस्टलों के कारतूस भी बनाते और लोगों को उपलब्ध कराते हैं। इनसे पूछताछ के आधार पर यदि दमोह व इससे जुड़े अंचलों से संदिग्धों को पकडकऱ पूछताछ की जाए तो हथियारों की तस्करी का बड़ा राज खुल सकता है।

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