यहां उखाड़ दी गईं प्लेटफॉर्म की पटरियां
जबलपुरPublished: Nov 23, 2019 08:47:42 pm
सुबह से शाम तक उखाड़ी जाती रहीं पटरियां,
जबलपुर . जुलाई से अगस्त तक मुख्य रेलवे स्टेशन के यार्ड की रीमॉडलिंग की गई। जिसके बाद ट्रेनों को आऊटर पर खड़े होने की समस्या से निजात मिल सकी। इसके बाद से एक साथ सभी प्लेटफॉर्म पर एक साथ ट्रेनों का लाने और छोडऩे की सुविधा हो गई। इसके बाद अब प्लेटफॉर्म क्रमांक एक के ट्रैक का काम शुरू कर दिया गया है। यह ट्रैक जर्जर हो चुका था। जिस कारण ट्रेनों के संचालन में परेशानी आ रही थी।
प्लेटफॉर्म क्रमांक एक
-45 दिन के लिए बंद है प्लेटफॉर्म क्रमांक एक
-1.5 करोड़ रुपए आ रही है काम की लागत
-22 नवंबर को होगा बंद
ये काम होंगे
– पुराने गार्डर और ट्रैक को हटाया जाएगा
– नए गार्डर और ट्रैक लगाए जाएंगें
– नए सिरे से सिग्नल लगाए जाएंगे
– नए ट्रैक का होगा एलाइनमेंट
– वाशिंग एप्रान की रिपेयरिंग
उखाड़ी गई पटरियां, डाला जाएगा बेस
शनिवार को प्लेटफॉर्म क्रमांक एक पर पटरियों को उखाडऩे का काम किया गया। हाईटैक मशीनों की मदद से इन ट्रैक को उखाड़ा गया। जिसके बाद गार्डर हटाए गए। जानकारी के अनुसार अब यहां बेस को मजबूत करने का काम किया जाएगा। जिसके बाद नया ट्रैक डाला जाएगा। इसके साथ ही यहां ओएचई का काम भी किया जाएगा।
यह थी समस्या
प्लेटफॉर्म क्रमांक एक में ट्रैक के नीचे बिछे लकडिय़ों के गार्डर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके थे। जगह-जगह वे उखड़े नजर आते थे। ट्रैक के बाजू की नाली का गंदा पानी भी आए दिन ट्रैक पर आ जाता है। जिस कारण पटरियों में भी परेशानी आने की आशंका रहती है। लम्बे समय से रेलवे द्वारा इस प्लेटफॉर्म को जैसे-तैसे चलाया जा रहा था। पूरे ट्रैक, गार्डर और नीचे के बेस को हटाकर नए सिरे से तैयार किया जाएगा। इससे आने वाले 15 से 20 साल तक बिना किसी व्यवधान के यहां से ट्रेनों का संचालन हो सकेगा।
वर्जन
रीमॉडलिंग के बाद ट्रेनों को आऊटर पर रोकने की समस्या से निजात मिली है। प्लेटफॉर्म क्रमांक एक के ट्रैक को बदलने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इससे टे्रनों का संचालन और सरल हो सकेगा।
मनोज सिंह, डीआरएम
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यार्ड रीमॉडलिंग
ऑऊटर पर नहीं रूक रहीं ट्रेने
यदि प्लेटफॉर्म-1 पर इटारसी की ओर जाने वाली कोई ट्रेन खड़ी होती थी, तो कटनी की ओर से आने वाली दूसरी ट्रेन को दूसरे प्लेटफॉर्म पर नहीं ले जाया जा सकता था। ऐसी ही स्थिति कटनी की ओर जाने वाली ट्रेनों के साथ थी। इसका कारण था रेल लाइनों का कर्व होना। इसके चलते ट्रेनों को आऊटर पर खड़ा रखना था। 29 जुलाई से 23 अगस्त तक रीमॉडलिंग के दौरान कर्व ट्रैक को हटाया गया। अब सभी प्लेटफॉर्म से एक साथ ट्रेनें आ और जा पा रहीं हैं।
यह किए गए थे काम
– नए प्वाइंट्स लगाए गए, इसमें 35 नए प्वाइंट्स शामिल हैं।
– सिग्नल से रूट रिले इंटरलॉकिंग के तहत सिग्नल व प्वाइंट मशीने लगीं।
– 412 प्वाइंट का नया रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम इंस्टॉल किया गया।
– ओवर हेड वायर (विद्युत तार) शिफ्ट किए गए।