scriptपिकनिक स्पॉट पर खतरे से खेलते हैं, अपनी ही जान के दुश्मन बनते हैं | Play with danger at the picnic spot, become enemy of own life | Patrika News

पिकनिक स्पॉट पर खतरे से खेलते हैं, अपनी ही जान के दुश्मन बनते हैं

locationजबलपुरPublished: Aug 04, 2020 08:31:16 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर जिले में पर्यटन स्थलों पर लगातार हादसे, कहीं नहर, तो कहीं फॉल में नहाते समय हो रहा हादसा
 
 

Bhedaghat, jabalpur

Bhedaghat, jabalpur

डूबने से इस तरह गई जान

जनवरी-01
फरवरी-01
मार्च-01
अप्रैल-04
मई-08
जून-02
जुलाई-08
अगस्त-05

13 मई को कांचघर ललित कॉलोनी के 10-12 किशोर व युवक पिकनिक मनाने गए थे। समाधि रोड स्थित कैलवास नहर में बाइक अनियंत्रित होने से यश उसरवर्से (19) और अविनाश लाखरा (16) की नहर में डूबकर मौत हो गई थी।

12 जून को बरगी के निगरी में शादी समारोह में गए सौरभ पटेल (15) नहर में नहाते समय डूबने लगा। उसे बचाने में उसके फूफा बेड़ीलाल (35) भी डूब गए। दोनों की शव मिले।

02 अगस्त को अधारताल सहित आसपास के 35-40 लोग बरगी के टेमर फॉल पिकनिक मनाने गए थे। फॉल में नहाते समय शहनवाज (16) और बशीर (22) डूब गए। दोनों का शव निकाला गया।

जबलपुर। नर्मदा, परियट, गौर, हिरन सहित कई पहाड़ी नदियां और उनसे जुड़े पिकनिक स्पॉट जबलपुर जिले में हैं, जो बारिश में पर्यटन हब बन जाते हैं। जिले में नहरों का भी जाल फैला है। हर साल अप्रैल से लेकर अगस्त के बीच में बड़ी संख्या में नदियों-नहरों में हादसे होते हैं। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने नदियों के घाटों या नहरों के खतरनाक प्वाइंट पर सख्त इंतजाम नहीं किया। इसका नतीजा यह है कि कभी सेल्फी जानलेवा साबित होती है, तो कभी नहाना भारी पड़ जाता है। जिले में अप्रैल में गर्मी शुरू होते ही लोग नदी, तालाब व नहरों की ओर रुख कर लेते हैं। इसमें बड़ी संख्या किशोर व 30 वर्ष से कम उम्र वाले युवक होते हैं। अधिकतर तैराकी में प्रशिक्षित नहीं होने के बाद भी गहरे पानी में नहाने के लिए उतरते हैं और जान गंवाते हैं। जिले में एसडीआरएफ ट्रेनिंग सेंटर है। फिर भी तैराकी का बुनियादी प्रशिक्षण और लोगों को जागरूक करने का कोई कैलेंडर नहीं है। थानेवार खतरनाक स्थलों की जानकारी होने के बाद भी वहां से कोई ड्यूटी प्वाइंट निर्धारित नहीं किया जाता। धुआंधार को छोड़ दें तो कहीं भी चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगा है। धुआंधार में एक आरक्षक के व्यक्तिगत प्रयास से हर कई लोगों की जिंदगी बच जाती है।
यहां मनाने जाते हैं पिकनिक
बरगी डैम, पायली, भेड़ाघाट, न्यू भेड़ाघाट, लम्हेटाघाट, गोबच्छाघाट, तिलवाराघाट, ग्वारीघाट, खारीघाट, बगदरी फॉल, टेमल फॉल, परियट जलाशय, गौर नदी, खंदारी, सुहार, हिरन नदी के तटों पर लोग पिकनिक मनाने जाते हैं।
इस कारण होते हैं हादसे
-पिकनिक स्पॉट पर सेल्फी लेते हुए फिसलने से
-नहाते समय छलांग लगाने से
-तैराकी न आने पर ही गहराई में जाने से
-कई पहाड़ी नदियों में बारिश के चलते अचानक बहाव आने से
-नहरों में नहाने के दौरान
ये इंतजाम नहीं
-खतरनाक स्थलों पर बोर्ड नहीं लगे हैं
-पिकनिक स्पॉट पर फिक्स प्वाइंट नहीं लगाते।
-गहराई वाले स्थलों पर रस्सी या जंजीर नहीं लगाई गई है
-स्थानीय गोताखोरों को समन्वय नहीं, जिससे हादसा होने पर तुरंत मदद ली जा सके।

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