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पीडब्ल्यूडी ने मदन महल स्टेशन पर फंस रहे पेंच का निकाला तकनीकी हल
रेलवे की जमीन लिए बगैर किया जाएगा फ्लाईओवर का निर्माण
अब केवल अनुबंध बाकी-
पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य शुरू होने के लिए अब केवल विभाग और ठेकेदार के बीच अनुबंध होना शेष है। यह प्रक्रिया पूरी होने और भूमिपूजन के बाद फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हो जाएगा।
यादव कालोनी में सडक़ का निर्माण रोका-
रानीताल से गढ़ा ओवरब्रिज के बीच निर्माणाधीन सडक़ का निर्माण कार्य पीएंडटी की रिहायशी कॉलोनी के पाास रोक दिया गया है। दरअसल, फ्लाईओवर की एक साइड लेग यहां भी उतरना है। इसलिए सडक़ का निर्माण रोका गया है। हालांकि लोगों का कहना है, फ्लाईओवर के निर्माण में अभी कई साल लग जाएंगे। इसलिए सडक़ का निर्माण होना चाहिए।
5 साइड लेग होंगी
यातायात जाम से जूझ रहे शहर के लिए यह प्रोजेक्ट काफी राहतभरा होगा। फ्लाईओवर के पांच साइड लेग होंगे। जानकारों के अनुसार ये साइड लेग शहर के प्रमुख मार्गों पर यातायात का दबाव काफी कम कर देंगे। फ्लाईओवर की मुख्य लेग भी चार किलोमीटर लम्बी होगी।
दमोहनाका से प्रेम नगर तक मुख्य लेग
758.54 करोड़ रुपए केंद्रीय सडक़ निधि से स्वीकृत
36 महीने में पूरा होना है निर्माण
197 कुल स्पॉन होंगे फ्लाईओवर में
12.9 मीटर मुख्य लेग की चौड़ाई
02 किमी साइड लेग समेत लम्बाई
02 भारी और 2 सामान्य वाहन चल सकेंगे मुख्य लेग पर
04 किमी होगी मुख्य लेग की लम्बाई
02 मी ऊं चे, 5 मी चौड़े बॉक्स होंगे, जहां रैम्प उतरेगा
400 मीटर लम्बा, 3.4 मीटर चौड़ा मदनमहल
थाने से रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म नम्बर-3 की ओर
400 मीटर लम्बा, 8.4 मीटर चौड़ा होगा स्नेह नगर से मदनमहल चौराहा तक
रंजीत बिल्डकॉन को मिला है ठेका
450 मीटर लम्बा, 8.4 मीटर रानीताल चौराहा से यादव कॉलोनी में पीएंडटी रहवासी कॉलोनी के गेट तक
350 मीटर लम्बा, 12.9 मीटर चौड़ा मदन महल चौराहा से महानद्दा
370 मीटर लम्बा, 8.4 मीटर चौड़ा पीएंडटी गेट नम्बर-2 से मालवीय चौक तक
फ्लाईओवर निर्माण के लिए विभाग का ठेकेदार के साथ अनुबंध होना शेष है। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। प्रोजेक्ट से सम्बंधित अन्य प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं।
– गोपाल गुप्ता, कार्यपालन यंत्री, पीडब्ल्यूडी