scriptपीएम मोदी ने कहा ‘कांग्रेस की नीयत भ्रष्ट, नेता भ्रम में और नीत भटकी हुई है’ | PM Modi said, "Congress's policy is corrupt, leaders have been deluded | Patrika News

पीएम मोदी ने कहा ‘कांग्रेस की नीयत भ्रष्ट, नेता भ्रम में और नीत भटकी हुई है’

locationजबलपुरPublished: Apr 26, 2019 07:44:28 pm

Submitted by:

santosh singh

जबलपुर की चुनावी सभा में मोदी ने बेटों का सियासी कैरियर बनाने में जुटे एमपी-राजस्थान के मुख्यमंत्रियों पर चलाए सियासी बाण

एमपी-राजस्थान के मुख्यमंत्रियों पर चलाए सियासी बाण

एमपी-राजस्थान के मुख्यमंत्रियों पर चलाए सियासी बाण

जबलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जबलपुर चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश ने 300 सीटों पर अपना जनादेश दे दिया है। आज स्थिति ये है कि 11 अप्रैल से पहले जो कह रहे थे चुनाव में कोई लहर नहीं है। ये सारे घुटने टेक चुके हैं। ये जन सागर गवाह है कि पूरा देश नए भारत के निर्माण के लिए जुट गया है। मैं जब से मंच पर बैठा हूं। मेरी नजर बायी तरफ उस रोड पर है। मैं हैरान हूं कि कतार खत्म ही नहीं हो रही है। लोग आ ही रहे हैं। लोग चले आ रहे हैं। जिस मात्रा में आ रहे हैं। कई लोग होंगे जो मेरे जाने के बाद भी नहीं पहुंच पाएंगे। भाईयो बहनों आज के टीवी के जमाने में घर बैठे सब कुछ देखने को मिल जाता है। फिर भी इस गरमी में तपने के लिए आशीर्वाद देने के लिए आपका ये उत्साह व उमंग नतीजे तय कर देता है।

मोदी को गाली देने की प्रतिस्पर्धा चल रही है-

मोदी ने कहा कि जबलपुर की धरती से उठ रही लहर ललकार बन चुकी है। ये वो लोग कुछ दिन पहले तक मोदी को गाली देने में प्रतियोगिता में जुटे थे। महामिलावटी लोगों में शामिल हर एक ने स्पेशल ब्रांच खोल कर रखी है, जो दुनिया की अलग-अलग डिक्शनरी में गाली खोजते रहते हैं। उनके बीच में प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन मोदी को बड़ी गाली दे। लगातार आपने सुना होगा। हाथ ऊंचा करके बताई, फिर हसंते हुए मोदी ने कहा-
विरोधी वजूद बचाने के लिए लड़ रहे हैं

कि विरोधी वजूद बचाने के लिए लड़ रहे हैं। देश के विकास के लिए उठी ये लहर देख कर विरोधियों का हौसला पस्त पड़ चुका है। वजूद बचाने के लिए जो मैदान में थे। अब चुप्पी साध कर बैठे हैं। इसका मतलब है कि फिर एक बार-भीड़ से मोदी सरकार। साथियों ये चुनाव सामान्य नहीं है। सिर्फ इस दल का विजय हो, कौन सांसद बने, कौन प्रधानमंत्री बने इसका चुनाव नहीं है। सुखी समृद्ध भारत बनाने का चुनाव है। बच्चों का भविष्य क्या हो इसकी गारंटी लेने का चुनाव है। ये दुनिया में भारत का सही स्थान तय करने का चुनाव है।
इस चुनाव का नेतृत्व भी करोड़ों बेटे बेटी कर रहे हैं

साथियों 21वीं सदी की दुनिया में भारत की भूमिका क्या होगी। आने वाले पांच वर्ष में तय करने वाला है। इस चुनाव का नेतृत्व भी करोड़ों बेटे बेटी कर रहे हैं। जो 21वीं सदी में पहली बार देश की सरकार चुन रहे हैं। ये जो नौजवान है जो 21वीं सदी में पैदा हुए हैं। हमारे के बीच बहुत से ऐसे हैं जो 20वीं सदी का भी प्रभाव है। लेकिन ये नौजवान ऐसे हैं कि इन्हें 20 की हवा नहीं लगी। ये 21वीं सदी के तेज तर्रार युवक हैं। इनके लिए पूरी जिंदगी इस 21वीं शताब्दी में गुजारनी है। इसके लिए उन नौजवानों को तय करना है कि वो 21वीं सदी उसकी मजबूत नींव इस पांच वर्ष में कौन रख सकता है। जिसके भरोसे उनकी पूरी जिंदगी हंसते-खेलते बीतने का सौभाग्य प्राप्त हो। इसके लिए पहली बार लोकसभा में वोट करने वाले हैं। ऐसे सभी बेटे-बेटियों को उनको जो व अवसर मिला है। उन्हें बधाई।
विश्व शक्ति की तरफ भारत ने बढ़ाया मजबूत कदम

-बीते पांच वर्षों में आपका ये चौकीदार आपकी उम्मीदों पर खरा उतरा की कि नहीं। बीते पांच वर्षों में विश्व शक्ति की तरफ भारत ने मजबूत कदम बढ़ाया कि नहीं। आज दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला कि नहीं। भारत का मान बढ़ा, सम्मान बढ़ा ये किसने किया। मोदी भीड़ से। किसने किया। मोदी भीड़ से। मुझे अपेक्षा नहीं था जबलपुर के लोग मेरी परीक्षा में नापास हो गए। सब मोदी ने किया। जवाब गलत। मोदी ने नही आपके वोट ने किया है। ये आपके वोट की ताकत है। ये आप हैं जिन्होंने देश को यहां पहुंचाया है। मोदी ने नहीं। इसके लिए धन्यवाद करने आया हूं।

…तभी कड़े और बड़े फैसले ले पाया ये चौकीदार

पांच वर्षों में मेरे हर फैसले हर कदम पर भरोसा किया। साथ दिया। तभी कड़े और बड़े फैसले लेने का चौकीदार साहस कर पाया। साथियों याद कीजिए। काले धन व भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की। तकिए के नीचे छिपा माल, दिवारों में छिपाया गया माल जब बाहर निकलने लगा तो उन्होंने कैसा कैम्पेन चलाया था। जनता को भडक़ाने का मौका नहीं छोड़ा था। चेले बैंकों के बाहर कतार लगाए नजर आते थे। नामदार भी चार हजार रुपए लेने गया था। आपको भडक़ाने के लिए क्या कुछ नहीं किया गया। विरोधी एयरकंडीशन कमरों में बैठकर सोच रहे थे कि अब मोदी गया। मिठाईयां बांट रहे थे। उनको देश के सामान्य लोगों की ताकत का पता नहीं था। सारा देश मोदी के साथ खड़ा हो गया। मैनें पब्लिक से कहा था कि मेरा निर्णय आसान नहीं है। तकलीफ होगी। मु_ी भर लोगों को छोड़ दें तो पूरे देश ने साथ दिया।
मप्र में कानून व्यवस्था चौपट, ट्रांसफर उद्योग फल-फूल रहा

-कांग्रेस को नोटबंदी पर इतना दर्द हुआ कि अभी भी आंसू नहीं सूख रहे हैं। देश को जानना जरूरी है। उदाहरण यहीं मप्र में देखने को मिला है। कांग्रेस की एमपी में 15 वर्षों बाद सरकार बनी। इधर-उधर से मदद लेकर। जनता ने जनमत नहीं दिया। किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था। बेरोजगार नौजवानों को भत्ता देने की बात कही थी। भूल जाओगे नहीं चलेगा। चुनाव में वादा किया था। पिटारे से निकाली थी। हुआ क्या कुछ? कुछ मिला क्या। वादा निभाया क्या। ये तो कुछ भी नहीं कर पाए। ढाई महीने के भीतर तीन काम जरूर किए। पहला कानून व्यवसथा चौपट कर दी। डकैतों व अपहरण कर्ताओं को नई ऊर्जा मिल गयी। दूसरा काम ट्रांसफर उद्योग खूब फला-फुला। नीलामी हो रही पोस्टिंग की। तीसरा बड़ा काम एमपी में देखा नोटों से भरे थैले कांग्रेस के पीए से मिला।
कांग्रेस ने ढाई महीने में के भीतर तुगलक रोड चुनाव घोटाला

कांग्रेस ने रेकॉर्ड ढाई महीने में महीने के भीतर तुगलक रोड चुनाव घोटाला कर दिया है। ये ट्रेलर है। अभी तो पांच वर्ष बाकी है। ये तो मप्र है, उनकी निगाहें हिन्दुस्तान पर है। एमपी में इतनी लूट कर सकते हैं तो पांच वर्ष में कितनी हेागी हिसाब लगाओ। मौका हिन्दुस्तान को लूटने को मिला तो कुछ बचेगा। कितना भी मोदी विरोधी होगा ऐसी गलती करेगा। इनके हाथ में सत्ता देगा क्या। ये माताएं बहनें इनको जीवन भर कभी वोट नहीं देना। उन्होंने पाप ऐसा किया है। जो पैसे गरीबों की भलाई के लिए दिल्ली से भेजे। ये चौकीदार ने भेजे। आदिवासी माताएं-बहने हैं। प्रसूता बहनें हैं। गर्भ में बच्चा है। उन प्रसूता माता-बहनों को नौ महीने सही खाना मिल जाय। गरीबी क्यों न हो गोद से स्वस्थ्य बच्चा पैदा हेागा। वो मां भी प्रसूति में मुसीबत नहीं आएगी। उसकी जिंदगी बच जाएगी। भारत सरकार अरबों पैसे भेज रही हैं। ऐसे बच्चे जो गरीब हैं वजन नहीं बढ़ रहा है। ऊंचाई नहीं बढ़ रही है। कूपोषण को पोषण के लिए पैसे भेजे थे। ये पैसा पवित्र है कि नहीं दिल से बताईए। गरीब माताओं बहनों के हक का पैसा है। हमारे देश का स्वभाव है कि यहां बस में प्रसूता को देख कर बूढ़ी मां व चाचा भी सीट छोडकऱ खड़े हो जाते हैं। घर में दो लोग बीमार होंगे, दवाई की जरूरत होगी तो अपना दवा छह महीने के लिए टाल देते हैं कि बहू को बच्चा होने वाला है, उसकी ज्यादा देखभाल की जरूरत है। गरीब मां भी बहू के लिए ङ्क्षचता करती है। मप्र में जिसे सत्ता दी उन्होंने ये पैसे लूट लिए।

-यही वो नोटतंत्र है, जिसका मोह कांग्रेस और उसके नेताओं को है। यहीं नोटतंत्र छिन्न-भिन्न करने का काम चौकीदार ने किया। इसी कारण मोदी को गाली देते हें। नोटबंदी के असर से सामान्य लोगों के लिए घरों की कीमत कम हो गयी। कांग्रेस के लोग बर्बाद हो गए। तीन लाख से अधिक फर्जी कम्पनियां काला धन पैदा करने वाली कम्पनियां बंद हुई। जो कांग्रेस को पीड़ा दे रही हैं।
-असली कम्पनियां बंद होती तो कोई मोदी के पुतले जलाता, कोई विरोध करता। तीन लाख ताले मार दिए। कोई नहीं बोल रहा है। कल्पना करिए कितना बेइमानी हुआ। तीन लाख कम्पनियों में पांच की औसत से 15 लाख लोग रहे होंगे ये तो दुश्मन बन गए कि नहीं। ये मोदी को पराजित करने ताकत लगाएंगे कि नहीं। मोदी को बचाएगा कौन? भीड़ से आवाज आयी हम।

नामदारों व राग दरबारियों को स्वच्छता समझ में नहीं आएगी
-2014 के नतीजों के बाद स्वच्छता के लिए एक विचार लाल किले से रखा था। शौचालय के लिए एक शोच रखी थी। आपने आंदोलन बना दिया। स्व्च्छ भारत अभियान का मजाक उड़ाया था। मेरा मजाक उड़ाया जाता था। कांग्रेस जमीन से इतनी कटी हुई पार्टी है, कि वो अपना भला नहीं कर सकती है, तो देश को लाभ क्या दे पाएगी। वर्षों सत्ता में रहे लेकिन स्वच्छता और शौचालय की महत्ता की समझ ही नहीं थी। गांवों में 40 प्रतिशत से कम शौचालय थे। यहां के मुख्यमंत्री ने भी कांग्रेस की सोच को पुख्ता किया है। यहां के मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि शौचालय का महत्व क्या होता है, ये न तो नामदारों को समझ आता है। न राग दरबारियों को समझ में आता है।

कांग्रेस की रणनीति रही है। विकास के लिए तरसाया जाय। उन्हें सिर्फ अपने परिवार की चिंता होती है। दिल्ली में नामदार है तो एमपी व राजस्थान में बेटों का कैरियर बनाने में लगे हैं। राजस्थान के सीएम जोधपुर में बेटे को जिताने तो एमपी के सीएम छिंदवाड़ा में बेटे की चिंता में लगे हैं, आपके बेटे की चिंता कहां से करेंगे। उन्हें अपनी संतानों की चिंता है।
-यही कारण है कि राष्ट्रवाद को गाली देते हैं। उनमें पाकिस्तान का पैरोकार बनने की ऐसी होड़ थी कि डोकलम विवाद, सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर देश के विरोध में खड़े दिखे। आपका ये चौकीदार आतंकियों को घर तक ले गया। अब ये 21वीं सदी का भारत है, जो आतंकियों को उनके ही घर में घुस कर मारेगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो