मोदी को गाली देने की प्रतिस्पर्धा चल रही है-
मोदी ने कहा कि जबलपुर की धरती से उठ रही लहर ललकार बन चुकी है। ये वो लोग कुछ दिन पहले तक मोदी को गाली देने में प्रतियोगिता में जुटे थे। महामिलावटी लोगों में शामिल हर एक ने स्पेशल ब्रांच खोल कर रखी है, जो दुनिया की अलग-अलग डिक्शनरी में गाली खोजते रहते हैं। उनके बीच में प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन मोदी को बड़ी गाली दे। लगातार आपने सुना होगा। हाथ ऊंचा करके बताई, फिर हसंते हुए मोदी ने कहा-
विरोधी वजूद बचाने के लिए लड़ रहे हैं
कि विरोधी वजूद बचाने के लिए लड़ रहे हैं। देश के विकास के लिए उठी ये लहर देख कर विरोधियों का हौसला पस्त पड़ चुका है। वजूद बचाने के लिए जो मैदान में थे। अब चुप्पी साध कर बैठे हैं। इसका मतलब है कि फिर एक बार-भीड़ से मोदी सरकार। साथियों ये चुनाव सामान्य नहीं है। सिर्फ इस दल का विजय हो, कौन सांसद बने, कौन प्रधानमंत्री बने इसका चुनाव नहीं है। सुखी समृद्ध भारत बनाने का चुनाव है। बच्चों का भविष्य क्या हो इसकी गारंटी लेने का चुनाव है। ये दुनिया में भारत का सही स्थान तय करने का चुनाव है।
इस चुनाव का नेतृत्व भी करोड़ों बेटे बेटी कर रहे हैं
साथियों 21वीं सदी की दुनिया में भारत की भूमिका क्या होगी। आने वाले पांच वर्ष में तय करने वाला है। इस चुनाव का नेतृत्व भी करोड़ों बेटे बेटी कर रहे हैं। जो 21वीं सदी में पहली बार देश की सरकार चुन रहे हैं। ये जो नौजवान है जो 21वीं सदी में पैदा हुए हैं। हमारे के बीच बहुत से ऐसे हैं जो 20वीं सदी का भी प्रभाव है। लेकिन ये नौजवान ऐसे हैं कि इन्हें 20 की हवा नहीं लगी। ये 21वीं सदी के तेज तर्रार युवक हैं। इनके लिए पूरी जिंदगी इस 21वीं शताब्दी में गुजारनी है। इसके लिए उन नौजवानों को तय करना है कि वो 21वीं सदी उसकी मजबूत नींव इस पांच वर्ष में कौन रख सकता है। जिसके भरोसे उनकी पूरी जिंदगी हंसते-खेलते बीतने का सौभाग्य प्राप्त हो। इसके लिए पहली बार लोकसभा में वोट करने वाले हैं। ऐसे सभी बेटे-बेटियों को उनको जो व अवसर मिला है। उन्हें बधाई।
विश्व शक्ति की तरफ भारत ने बढ़ाया मजबूत कदम
-बीते पांच वर्षों में आपका ये चौकीदार आपकी उम्मीदों पर खरा उतरा की कि नहीं। बीते पांच वर्षों में विश्व शक्ति की तरफ भारत ने मजबूत कदम बढ़ाया कि नहीं। आज दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला कि नहीं। भारत का मान बढ़ा, सम्मान बढ़ा ये किसने किया। मोदी भीड़ से। किसने किया। मोदी भीड़ से। मुझे अपेक्षा नहीं था जबलपुर के लोग मेरी परीक्षा में नापास हो गए। सब मोदी ने किया। जवाब गलत। मोदी ने नही आपके वोट ने किया है। ये आपके वोट की ताकत है। ये आप हैं जिन्होंने देश को यहां पहुंचाया है। मोदी ने नहीं। इसके लिए धन्यवाद करने आया हूं।
-कांग्रेस को नोटबंदी पर इतना दर्द हुआ कि अभी भी आंसू नहीं सूख रहे हैं। देश को जानना जरूरी है। उदाहरण यहीं मप्र में देखने को मिला है। कांग्रेस की एमपी में 15 वर्षों बाद सरकार बनी। इधर-उधर से मदद लेकर। जनता ने जनमत नहीं दिया। किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था। बेरोजगार नौजवानों को भत्ता देने की बात कही थी। भूल जाओगे नहीं चलेगा। चुनाव में वादा किया था। पिटारे से निकाली थी। हुआ क्या कुछ? कुछ मिला क्या। वादा निभाया क्या। ये तो कुछ भी नहीं कर पाए। ढाई महीने के भीतर तीन काम जरूर किए। पहला कानून व्यवसथा चौपट कर दी। डकैतों व अपहरण कर्ताओं को नई ऊर्जा मिल गयी। दूसरा काम ट्रांसफर उद्योग खूब फला-फुला। नीलामी हो रही पोस्टिंग की। तीसरा बड़ा काम एमपी में देखा नोटों से भरे थैले कांग्रेस के पीए से मिला।
कांग्रेस ने ढाई महीने में के भीतर तुगलक रोड चुनाव घोटाला
कांग्रेस ने रेकॉर्ड ढाई महीने में महीने के भीतर तुगलक रोड चुनाव घोटाला कर दिया है। ये ट्रेलर है। अभी तो पांच वर्ष बाकी है। ये तो मप्र है, उनकी निगाहें हिन्दुस्तान पर है। एमपी में इतनी लूट कर सकते हैं तो पांच वर्ष में कितनी हेागी हिसाब लगाओ। मौका हिन्दुस्तान को लूटने को मिला तो कुछ बचेगा। कितना भी मोदी विरोधी होगा ऐसी गलती करेगा। इनके हाथ में सत्ता देगा क्या। ये माताएं बहनें इनको जीवन भर कभी वोट नहीं देना। उन्होंने पाप ऐसा किया है। जो पैसे गरीबों की भलाई के लिए दिल्ली से भेजे। ये चौकीदार ने भेजे। आदिवासी माताएं-बहने हैं। प्रसूता बहनें हैं। गर्भ में बच्चा है। उन प्रसूता माता-बहनों को नौ महीने सही खाना मिल जाय। गरीबी क्यों न हो गोद से स्वस्थ्य बच्चा पैदा हेागा। वो मां भी प्रसूति में मुसीबत नहीं आएगी। उसकी जिंदगी बच जाएगी। भारत सरकार अरबों पैसे भेज रही हैं। ऐसे बच्चे जो गरीब हैं वजन नहीं बढ़ रहा है। ऊंचाई नहीं बढ़ रही है। कूपोषण को पोषण के लिए पैसे भेजे थे। ये पैसा पवित्र है कि नहीं दिल से बताईए। गरीब माताओं बहनों के हक का पैसा है। हमारे देश का स्वभाव है कि यहां बस में प्रसूता को देख कर बूढ़ी मां व चाचा भी सीट छोडकऱ खड़े हो जाते हैं। घर में दो लोग बीमार होंगे, दवाई की जरूरत होगी तो अपना दवा छह महीने के लिए टाल देते हैं कि बहू को बच्चा होने वाला है, उसकी ज्यादा देखभाल की जरूरत है। गरीब मां भी बहू के लिए ङ्क्षचता करती है। मप्र में जिसे सत्ता दी उन्होंने ये पैसे लूट लिए।
अभी ढाई महीने का ट्रेलर दिखाया है, पांच साल की कल्पना कर, रूह कांप जाती है
-ये मीडिया वाले हमसे पूछते हैं कि कांग्रेस वाले के यहां रेड क्यों किया। जहां से माल मिलेगा वहीं रेड करेंगे। जो चोरी करते हैं वहीं पुलिस जाएगी। ईमानदार के यहां जाएगी क्यां। ये ट्रेलर है। अभी छह महीने में ऐसा हुआ तो पांच साल में क्या होगा। कल्पना कर रूह कांप जाती है।
-यही वो नोटतंत्र है, जिसका मोह कांग्रेस और उसके नेताओं को है। यहीं नोटतंत्र छिन्न-भिन्न करने का काम चौकीदार ने किया। इसी कारण मोदी को गाली देते हें। नोटबंदी के असर से सामान्य लोगों के लिए घरों की कीमत कम हो गयी। कांग्रेस के लोग बर्बाद हो गए। तीन लाख से अधिक फर्जी कम्पनियां काला धन पैदा करने वाली कम्पनियां बंद हुई। जो कांग्रेस को पीड़ा दे रही हैं।
-असली कम्पनियां बंद होती तो कोई मोदी के पुतले जलाता, कोई विरोध करता। तीन लाख ताले मार दिए। कोई नहीं बोल रहा है। कल्पना करिए कितना बेइमानी हुआ। तीन लाख कम्पनियों में पांच की औसत से 15 लाख लोग रहे होंगे ये तो दुश्मन बन गए कि नहीं। ये मोदी को पराजित करने ताकत लगाएंगे कि नहीं। मोदी को बचाएगा कौन? भीड़ से आवाज आयी हम।
मैं ईमानदारी और आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए लड़ रहा हूं-
-मैं इसी कारण ईमानदार लोगों के पास आया हूं। आप मेरे साथ खड़े हो जाईए। मैं ईमानदारी के लिए लड़ रहा हूं। आपके लिए आया है। आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए आया हूं। गोरखधंधा जिसका था। उस पर कांग्रेस का हाथ रहा। उनका काला चि_ा सामने आया है इसी कारण चौकीदार को गाली दे रहे हैं। माध्यम वर्ग जिसकी पाई-पाई सुरक्षित है। वो मेरा साथ दे रहे हैं।
नामदारों व राग दरबारियों को स्वच्छता समझ में नहीं आएगी
-2014 के नतीजों के बाद स्वच्छता के लिए एक विचार लाल किले से रखा था। शौचालय के लिए एक शोच रखी थी। आपने आंदोलन बना दिया। स्व्च्छ भारत अभियान का मजाक उड़ाया था। मेरा मजाक उड़ाया जाता था। कांग्रेस जमीन से इतनी कटी हुई पार्टी है, कि वो अपना भला नहीं कर सकती है, तो देश को लाभ क्या दे पाएगी। वर्षों सत्ता में रहे लेकिन स्वच्छता और शौचालय की महत्ता की समझ ही नहीं थी। गांवों में 40 प्रतिशत से कम शौचालय थे। यहां के मुख्यमंत्री ने भी कांग्रेस की सोच को पुख्ता किया है। यहां के मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि शौचालय का महत्व क्या होता है, ये न तो नामदारों को समझ आता है। न राग दरबारियों को समझ में आता है।
गरीबों का दर्द क्या होता है मुझसे ज्यादा कौन समझेगा-
-मैं गरीबी से जिया है। मुझे मालुम है। गरीब माताएं बहनें अगर शौच जाना होता है तो सूरज उगने से पहले अंधेरे में घर से निकलती हैं। दिन भर जाने की जरूरत पड़ गयी तो शरीर को कष्ट देती है और अंधकार का इंतजार करती थी। उनकी इज्जत के लिए क्या काम नहीं करना चाहिए। साथियों इन्होंने मेरी सोच को छोटा बताया, मेरा मजाक उड़ाया, फिर भी मैं अपने वसूलों पर अडिग रहा। कत्त्र्तव्य पर चल रहा है। दिन-रात मेहनत कर रहा हूं।
इंडिया पोस्ट बैंक को 21वीं सदी का सबसे सशक्त सिस्टम बना दिया
-कांग्रेस हर काम का मजाक उड़ाती है। डिजिटल लेन-देन की बात हो या फिर भीम एप व रुपए कार्ड दिए तो ये हसंते थे। ये कहकर मजाक उड़ाते थे कि गांव में बैंक नहीं हैं। मैंने दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क पोस्ट ऑफिस को ही बैंक बना दिया। ऑनलाइन सेवा घर तक पहुंचाने का काम शुरू किया। इंडिया पोस्ट बैंक 21वीं सदी सबसे सशक्त सिस्टम बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है। जो पोस्ट ऑफिस बंद होने वाले थे। डाकिए पर नौकरी जाने का खतरा था, उनकी जिंदगी बदल दी।
कांग्रेस नेताओं की नीयत भ्रष्ट, नेता भ्रम में और नीत भटकी हुई है
तकनीक की बदौलत देश को सशक्त बना रहे हैं। कुछ नया करने के लिए नीयत सही होनी चाहिए। कांग्रेस नेताओं की नीयत भ्रष्ट है। नेता भ्रम में है और नीत भटकी हुई है। यही कारण है कि कांग्रेस सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने की बात अपने घोषणा पत्र में लिखती रही। लेकिन कभी हिम्मत नहीं जुटा पायी। आपके इस सेवक ने सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण दे दिया। किसी का हक नहीं छीना। देश में तनाव भी नहीं होने दिया।
-जीएसटी भी कांग्रेस तीन घोषणा पत्र में रखी। लागू नहीं कर पायी। देश को टैक्स के जंजाल से मुक्त करने का काम चौकीदार ने किया। कांग्रेस की नाकामियों की लिस्ट बड़ी लम्बी है। 12 करोड़ किसानों के खातों में 75 हजार करोड़ हर वर्ष जमा हो रहे हैं। एमपी के किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है। यहां की सरकार लिस्ट नहीं दे रही है। खाते नहीं दे रही हैं।
उन्हें अपनी संतानों की चिंता है, आपके बेटों की चिंता कहां से करेंगे
कांग्रेस की रणनीति रही है। विकास के लिए तरसाया जाय। उन्हें सिर्फ अपने परिवार की चिंता होती है। दिल्ली में नामदार है तो एमपी व राजस्थान में बेटों का कैरियर बनाने में लगे हैं। राजस्थान के सीएम जोधपुर में बेटे को जिताने तो एमपी के सीएम छिंदवाड़ा में बेटे की चिंता में लगे हैं, आपके बेटे की चिंता कहां से करेंगे। उन्हें अपनी संतानों की चिंता है।
-यही कारण है कि राष्ट्रवाद को गाली देते हैं। उनमें पाकिस्तान का पैरोकार बनने की ऐसी होड़ थी कि डोकलम विवाद, सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर देश के विरोध में खड़े दिखे। आपका ये चौकीदार आतंकियों को घर तक ले गया। अब ये 21वीं सदी का भारत है, जो आतंकियों को उनके ही घर में घुस कर मारेगा।
मैं आतंकवाद व नक्सलवाद को जड़ से मिटाने को संकल्पित हूं
-मैं बता दूं। जो कुछ किया है। ये तो ट्रेलर है। अब आंतकवाद को जड़ से खत्म करेंगे। ये नीति सही है कि नहीं। देश को आतंकवाद से मुक्ति दिलानी चाहिए कि नहीं। आप चाहते हैं। मुझे बताईए पीएम बनने एक दर्जन लोग खड़े हैं। सभी ने अपने टेलर को कपड़े सिलाने दे दिए हैं। आठ सीट वाला भी पीएम बनने का सपना देख रहा है। 20 और 40 वाला भी सपना देख रहा है। मैं पूछ रहा हूं। पीएम की कतार में जो भी हैं। सबके चेहरे याद करों। कौन चेहरा है जो आतंकवाद को मिटा सकता है। भीड़ मोदी-मोदी।
हिंसा मुक्त होने पर ही विकास हो पाएगा-
-ये मुझे खुश करने के लिए कह रहे हो क्या। ये पत्रकारों को खुश करने के लिए कह रहे हो। ये कांग्रस वालों की नींद खराब करने के लिए कह रहे हो। आपका विश्वास ही है जो आतंकवाद व नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया। हिंसा मुक्ति होने पर ही विकास हो पाएगा।
-आज जबलपुर में पहले की तुलना में दो गुना गति से रेल, सडक़ और इंफ्रास्ट्रक्चर पहुंचाने का काम हो रहा है। जबलपुर में स्मार्ट सुविधाओं का काम चालू हैं।
-जबलपुर में महाकौशल में सुवधिाएं बढ़ायी जा रही हैं। बिजल बनाने की बात हो। देश के सामान्य जीवन सुरक्षा समृद्ध नया भारत तभी बन पाएगा। कमल के फूल का बटन दबाएंगे।
-आपका हर वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। गरमी कितनी ही क्यों न हो। लोगों को वोट देने बूथ तक ले जाना हमारी जिम्मेदारी। पहले मतदान फिर जलपान। ये बात नहीं भूलना। देश मजबूत बनाना चाहते हो? सरकार मजबूत बने, चौकीदार मजबूत बने तो मेरे साथ संकल्प करेंगे। दोनों मु_ी बंद कर बोलेंगे। गांव-गांव, शहर-शहर, बच्चा-बच्चा और भीड़ से चौकीदार की आवाज गूंजती रही।