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अब इन बच्चों को पढ़ाया जाएगा पॉक्सो अधिनियम

locationजबलपुरPublished: Apr 20, 2018 07:39:01 pm

Submitted by:

deepankar roy

एनसीइआरटी ने कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक पाठ्यक्रम में किया शामिल

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जबलपुर। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) कक्षा छठवीं से लेकर 12 तक के पाठ्यक्रम की सभी किताबों के मुख पृष्ठ के अंदर के पन्नों पर पॉक्सो अधिनियम और सातों दिन 24 घंटे बच्चों की मदद के लिए उपलब्ध हेल्पलाइन के नंबर प्रकाशित करेगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीइआरटी) द्वारा किताबों में इसे प्रकाशित किया जा रहा है। यह कदम बच्चों को सुरक्षा और शिकायतों के संदर्भ में जानकारी प्रदान करने के मकसद से उठाया गया है। साल 2017 में मानव संसाधन विकास (एचआरडी) से एनसीईआरटी के प्रकाशनों के माध्यम से पोस्को-ई बॉक्स और चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर-1098 का प्रचार करने, बच्चों के यौन उत्पीडऩ पर बनी शैक्षणिक फिल्मों की स्कूलों में स्क्रीनिंग करने और सहायक स्टाफ की नियुक्ति को लेकर मानदंड निर्धारित करने का अनुरोध किया गया था।

यहां शुरू होंगे ये कोर्स
जबलपुर के रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में बीवॉक पाठ्यक्रम शुरू होने के बाद इसे उच्च शिक्षा विभाग प्रदेश की तमाम यूनिवर्सिटी में शुरू करवाने पर विचार कर रहा है। इसके तहत विभाग ने विश्वविद्यालयों में टूरिज्म एवं हॉस्पिटेलिटी बीवॉक कोर्स शुरू करने के लिए आदेश दिए हैं। आने वाले सत्र में ये कोर्स शुरू किया जाना है, जिससे स्टूडेंट्स को फायदा मिल सके। शहर की यूनिवर्सिटी में वर्तमान में बैचरल ऑफ वोकेशनल के दो कोर्सेस चल रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से टूरिज्म में बीवॉक शुरू किए जाने का आदेश है।

प्रस्ताव भेजा है
महाकोशल कॉलेज के डॉ. अरुण शुक्ल ने बताया कि बीवॉक कोर्स के लिए उच्च शिक्षा विभाग की मंशा है कि वह पहले यूनिवर्सिटी में इसे चलाए। उसके बाद कॉलेज में इसे शुरू किया जाए। इसी बात को ध्यान रखते हुए उच्च शिक्षा विभाग को बीवॉक कोर्स शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा है। आरडीयू कौशल विकास केंद्र के डायरेक्टर प्रो. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल बीवॉक बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी और बीवॉक मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलॉजी का संचालन किया जा रहा है। दोनों ही कोर्स युवाओं के बीच काफी पसंद किए जा रहे हैं, क्योंकि यह दोनों ही जॉब आेरिएंटेड हैं।

 

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