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ठगी का मायाजाल, पुलिस सिर्फ शिकायतें बटोर रही

locationजबलपुरPublished: Jun 06, 2019 11:15:30 am

Submitted by:

santosh singh

रोज लुट रहे लोग, हाथ नहीं आ रहे साइबर अपराधी, अब तक 177 शिकायतें क्राइम ब्रांच के पास पहुंची

जबलपुर .साइबर अपराधियों के मायाजाल के आगे पुलिस भी खुद को बेबस पा रही है। ठगी के उनके हाइटेक तरीकों की काट पुलिस ढूंढ नहीं पा रही है। आलम ये है कि एक प्रकरण की गुत्थी पुलिस सुलझा भी नहीं पाती कि दूसरे तरीके की ठगी सामने आ जाती है। जालसाज हर बार कोई नया तरीका अपनाता है। जालसाजों ने लोगों को अपने झांसे में लेने के लिए कहीं मार्केटिंग चेन बनायी तो कहीं ऑनलाइन लोन की रकम खाते में ट्रांजेक्शन करने के नाम पर खाता खाली कर दिया। अब तो जालसाज कॉलगर्ल को भी मोहरा बनाकर लोगों की जेब काट रहे हैं।
लोन लेने वाले को लिंक भेज कर खाते से उड़ायी रकम
जालसाजों ने लोन की रकम करने वाले आवेदकों को भी अपना शिकार बनाया। शहर के अजय सिंह ने पीएनबी से 16 लाख रुपए लोन का आवेदन लगाया था। बैंक की ऑनलाइन साइट्स पर एक नम्बर मिला, जिस पर सम्पर्क करने पर बोला गया कि लोन की राशि स्वीकृत हो गई है। पैसा उनके खाते में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया जाएगा। इसके लिए उसने एक लिंक भेजा और उसे फॉलो करने के लिए कहा। जालसाज ने अजय से एक गारंटर का भी नम्बर मांगा। अजय ने दोस्त संदीप का नम्बर दे दिया। जालसाज ने उनके पास भी लिंक भेजा और उसे फॉलो करने के लिए कहा। लिंक ओपन कर दोनों ने प्रक्रिया पूरी की तो अजय सिंह के पीएनबी बचत खाते से 40 हजार और संदीप के आंध्रा बैंक के बचत खाते से 10 हजार रुपए निकल गए।
ऑनलाइन मूवी टिकट के झांसे में एक लाख की ठगी
बेलबाग क्षेत्र के बाई का बगीचा रामलीला मैदान निवासी सीए सिमरनजीत सैनी के साथ अनोखे अंदाज में ठगी हुई। 26 मई को उन्होंने घर से ऑनलाइन मूवी मैजिक का नम्बर खोजा। कॉल कर एक मूवी टिकट बुक कराने के लिए बात की। कॉल रिसीव करने वाले ने बोला कि ऑनलाइन टिकट लेने पर 10 रुपए अधिक लगेंगे। फिर उसने एक लिंक भेजा, जिसके माध्यम से 10 रुपए ट्रांजेक्शन करने थे। सिमरनजीत सैनी ने 10 रुपए की राशि डाली और यूपीआइ पासवर्ड डाला, लेकिन 10 रुपए की जगह उसके खाते से 49-49 हजार और दो हजार के तीन ट्रांजेक्शन डेबिड हो गए।
मैट्रोमोनियल साइट्स के नाम पर ठगी
जालसाज मोबाइल पर अलग-अलग युवतियों के नाम से कॉल कर कॉलेज की लड़कियां, हाउस वाइफ और विधवा जैसी औरतों को कार्लगर्ल की तरह पेश करते हैं। ग्राहक के तैयार होने पर उसे गु्रप ज्वाइनिंग के नाम पर 1500 से पांच हजार रुपए जमा कराए जाते हैं। इसके बाद वे लड़कियों की फोटो व पता मोबाइल नम्बर के साथ देते हैं। इनसे बात होने के बाद ये सेफ्टी कोड या सेफ्टी आइडी के नाम पर और पैसे की मांग करते हैं। कोड लेने के बाद ये प्रोफाइल बदलने के बहाने और पैसे की मांग करते हैं। जबलपुर सहित आसपास के कई जिलों में सक्रिय ये गिरोह रोज चार से पांच लाख की चपत लगा रहा है।
बचाव के लिए ये करें-
-किसी भी लिंक को ओपन न करें
-कोई भी वेबसाइट खोलने से पहले चेक कर लें कि वह असली है
-कई नामी वेबसाइट के नाम पर फेक वेबसाइट चल रहे हैं
-मोबाइल पर या मेल पर आए किसी भी लिंक को ओपन करें तो ध्यान रखें कि खाते से सम्बंधित डिटेल्स न दें
-मैट्रोमोनियल साइट्स बनाकर ठगी की जा रही है
-इस तरह की साइट्स पर ठगी के शिकार लोग अक्सर शिकायत करने से भी बच रहे हैं
(शिवेश सिंह बघेल, एएसपी क्राइम )

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