लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरवड़े ने बताया कि खितौला निवासी प्रदीप पांडे ने शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराई थी।
यह है मामला – प्रदीप के छोटे भाई प्रवीण पांडे ने पिता के साथ प्रदीप द्वारा की गई मारपीट की शिकायत एसडीओपी कार्यालय सिहोरा में 26 मार्च की थी, जिसकी जांच की जा रही थी। जांच के दौरान एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ आरक्षक अनुकूल मिश्रा ने मामला निपटाने के साथ ही उसके छोटे भाई प्रवीण के खिलाफ 420 का मामला दर्ज कराने के एवज में रिश्वत की मांग की। रिश्वत न देने पर आरक्षक उल्टा उसी के खिलाफ 107, 16 का प्रकरण दर्ज करने की धमकी देने लगा। परेशान होकर प्रदीप ने 7 मई को पहले पांच हजार और फिर तीन हज़ार रुपए दिए। बाद में आरक्षक ने पांच हजार रुपयों की और मांग की। प्रवीण ने पांच हजार रुपए आरक्षक को दे दिए।
दस हजार रुपए की और कर रहा था मांग- 13 हजार रुपए देने के बावजूद आरक्षक धमकाते हुए प्रदीप से दस हजार रुपए की और मांग करने लगा, जिसकी शिकायत प्रदीप ने शुक्रवार को जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय में की, साथ ही आरक्षक द्वारा की गई रुपयों की मांग की रिकॉर्डिंग भी लोकायुक्त को दी। लोकायुक्त ने रिश्वत की चौथी किश्त के दो-दो रुपए हजार के चार नोट और पांच-पांच सौ के चार नोटों में पाउडर लगाकर प्रदीप को दे दिए। दोपहर तीन बजे के लगभग प्रदीप सिहोरा एसडीओपी कार्यालय पहुंचा। प्रदीप ने जैसे ही नोट आरक्षक अनुकूल मिश्रा को दिए, लोकायुक्त टीआई मंजू किरण तिर्की की टीम ने आरक्षक को दबोच लिया। लोकायक्त पुलिस में आरक्षण के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (1) डी के तहत मामला दर्ज कर लिया है।