शहरी सीमा में ऐसे बढ़ी आबादी
वर्ष : जनसंख्या
2001 : 12,27,340
2011 : 14,40,034
2017 : 15,85,094
2020 : 16,33,094 (अनुमानित)
2030 : 20,00000 (अनुमानित)
10.07 प्रतिशत वृद्धि दर
जिले की आबादी
वर्ष 2017 : 26,72,029
6.216 वृद्धि दर
शिक्षा की मौजूदा स्थिति
3200 स्कूल हैं जिले में
2400 शासकीय स्कूल
800 निजी स्कूल
400000 अध्ययनरत छात्र
55 हजार छात्र औसतन हर साल होते हैं 12वीं पास आउट
49 कॉलेज हैं-
13 शासकीय कॉलेज
36 निजी कॉलेज
12 इंजीनियरिंग कॉलेज
40000 छात्र कॉलेजों में अध्ययनरत
25000 स्नातक हर साल होते हैं पास आउट
जिले में विश्वविद्यालय : रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, वेटरनरी विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, धर्मशास्त्र कानून विश्वविद्यालय।
स्वास्थ्य सेवाएं
05 हजार कुल बिस्तर क्षमता है सरकारी और निजी अस्पतालों की
01 हजार के लगभग बिस्तर बढ़ाने के लिए अस्पतालों में निर्माण कार्य जारी
10 हजार के लगभग मरीज प्रतिदिन आते हैं अस्पतालों की ओपीडी और क्लीनिक में
1600 एलोपैथी चिकित्सक जिले में कर रहे प्रैक्टिस
1800 से अधिक दंत, आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सक हैं जिले में
भविष्य की आवश्यकता
10 हजार से ज्यादा बिस्तरों की जरूरत होगी अस्पतालों में
18 हजार के करीब मरीज प्रतिदिन होने का अनुमान
3200 एलोपैथी डॉक्टरों की आवश्यकता होगी जिले में
पेयजल आपूर्ति
230 एमएलडी पानी की प्रतिदिन आपूर्ति
1.70 लाख घरों में पहुंच रहा पानी
165 लीटर पानी प्रति व्यक्ति आपूर्ति का दावा
भविष्य की आवश्यकता-
400 एमएलडी पानी की आपूर्ति
4.5 लाख घरों में पहुंचाना होगा पानी
35 नई टंकियों की होगी जरूरत
आवास व्यवस्था
25 लाख भवन हैं शहरी सीमा में
05 हजार से ज्यादा लोग पहाडिय़ों पर निवासरत
15 हजार लोग रह रहे किराए के मकान में
भविष्य की आवश्यकता
02 लाख नए भवनों की होगी जरूरत
पहाडिय़ों पर रह रहे लोगों को उपलब्ध कराना होगा सुरक्षित आवास
रोजगार
75 हजार से अधिक जिले में पंजीकृत बेरोजगार
445 निजी उद्योग जिले में
4900 इन उद्योगों में
07 सरकारी औद्योगिक उपक्रम शहर में
17 हजार लोग इनमें कर रहे काम
4-5 हजार युवा हर साल कर रहे पलायन
25 हजार युवाओं को हर साल रोजगार की जरूरत
भविष्य की आवश्यकता
40 हजार युवाओं को हर साल होगी रोजगार की जरूरत
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए पर्यटन कारोबार, एग्रो इंडस्ट्री को देना होगा बढ़ावा
आइटी उद्योग को भी बढऩा होगा
यातायात
10 लाख से ज्यादा वाहन है जिले में
350 जवान यातायात विभाग में, एक एएसपी, डीएसपी और तीन टीआइ शामिल
03 टै्रफिक थाने हैं जिले में
10 जवान हैं प्रति एक लाख की आबादी पर
भविष्य की आवश्यकता
18 लाख वाहनों का होगा दबाव
500 जवान चाहिए ट्रैफिक अमले में
05 नए ट्रैफिक थाने खोलने होंगे
सार्वजनिक परिवहन
65 मेट्रो बस का संचालन
10 फेरे दिनभर में
1.50 लाख यात्री करते हैं सवारी
भविष्य की आवश्यकता
150 मेट्रो बस
मेट्रो ट्रेन या लोकल ट्रेन
भविष्य की आवश्यकता
1500 का अमला और बढ़ाना होगा
15 नए थानों की होगी आवश्यकता
हवाई यातायात
वर्तमान स्थिति
कनेक्टिविटी : दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, अहमदाबाद
35 फ्लाइट प्रतिदिन
2000 यात्री प्रतिदिन करते हैं हवाई सफर
भविष्य की आवश्यकता
कनेक्टिविटी : नेशनल, इंटरनेशनल
8 हजार पैसेंजर रोजाना
नगर विस्तार ले रहा है ऐसे में जनसंख्या भी बढ़ रही है। अगले एक दशक में सडक़ों से लेकर अन्य संसाधनों पर दबाव निश्चित तौर पर बढ़ेगा। ऐसे में भविष्य की जरूरतों को पूरा करने मास्टर प्लान के अनुसार नई सडक़ों, फ्लाईओवर, जल शोधन संयंत्रों, उच्च स्तरीय टंकियों का निर्माण हो इस दिशा में नगर निगम अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है, इन कार्यों को गति दी जाएगी।
आशीष कुमार, आयुक्त, नगर निगम
शहर की आबादी जिस अनुपात में बढ़ रही है उसी अनुपात में भविष्य की जरूरतों को पूरा करने लिए मास्टर प्लान पर ठीक ढंग से अमल आवश्यक है। अभी तक तीन मास्टर प्लान बने लेकिन उनके प्रावधानों के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास न होने का नतीजा है की विकास की दौड़ में जबलपुर पिछड़ता गया। इतना ही नहीं ज्यादातर रहवासी क्षेत्रों का विकास भी बेतरतीब हुआ है।
इंजी.संजय वर्मा, टाउन प्लानर