चार लाख से ज्यादा परिवारों को बंटता है राशन
जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चार लाख 2 हजार से ज्यादा परिवारों को रियायती दरों पर गेहूं, चावल, शक्कर, चना, नमक और केरोसिन का वितरण किया जाता है। अभी जिले के शहरी क्षेत्रों में सेवाप्रदाता लिंकवेल टेली सिस्टम की पीओएस मशीन के माध्यम से ऑनलाइन खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में डीएसके डिजीटल की मशीनों से इसका वितरण होता है। लेकिन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय ने अब सभी जगहों पर लिंकवेल टेली सिस्टम कंपनी की मशीनों से खाद्यान्न के वितरण के निर्देश दिए है।
इस वजह से आया संकट
अब जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में इन मशीनों को बदला जाएगा। वहीं शहरी क्षेत्र में लगी इसी कंपनी की पीओएस मशीन का साफ्टवेयर बदला जाना है। कुछ दिन पहले विक्रेताओं की पीओएस मशीनों का अपडेशन किया गया इसी तरह मशीनों को लेकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के द्वारा मशीनों का प्रशिक्षण विभाग स्टॉक एवं राशन दुकान संचालकों को दिया जाता रहा है। हालांकि राशन का वितरण अभी भी प्रभावित है। ज्ञात हो कि जिले में ग्रामीण क्षेत्र में 450 और शहरी क्षेत्र में 545 राशन दुकाने हैं।
जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चार लाख 2 हजार से ज्यादा परिवारों को रियायती दरों पर गेहूं, चावल, शक्कर, चना, नमक और केरोसिन का वितरण किया जाता है। अभी जिले के शहरी क्षेत्रों में सेवाप्रदाता लिंकवेल टेली सिस्टम की पीओएस मशीन के माध्यम से ऑनलाइन खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में डीएसके डिजीटल की मशीनों से इसका वितरण होता है। लेकिन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय ने अब सभी जगहों पर लिंकवेल टेली सिस्टम कंपनी की मशीनों से खाद्यान्न के वितरण के निर्देश दिए है।
इस वजह से आया संकट
अब जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में इन मशीनों को बदला जाएगा। वहीं शहरी क्षेत्र में लगी इसी कंपनी की पीओएस मशीन का साफ्टवेयर बदला जाना है। कुछ दिन पहले विक्रेताओं की पीओएस मशीनों का अपडेशन किया गया इसी तरह मशीनों को लेकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के द्वारा मशीनों का प्रशिक्षण विभाग स्टॉक एवं राशन दुकान संचालकों को दिया जाता रहा है। हालांकि राशन का वितरण अभी भी प्रभावित है। ज्ञात हो कि जिले में ग्रामीण क्षेत्र में 450 और शहरी क्षेत्र में 545 राशन दुकाने हैं।
नए सेवा प्रदाता की पीओएस मशीनों का अपडेशन किया गया है। विक्रेताओं को इसका प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। जिले में एईपीडीएस व्यवस्था जल्द लागू होगी। उपभोक्ताओं को दिवाली के पहले खाद्यान्न का वितरण करने का प्रयास किया जा रहा है।
संजय खरे, सहायक आपूर्ति नियंत्रक
संजय खरे, सहायक आपूर्ति नियंत्रक