जबलपुर

मंत्री महोदय चमचमाते ऑफिस में मीटिंग करते रहे, शहर की अराजक स्थिति से जनता गुस्से से उबल रही थी

जबलपुर शहर में गड्ढे बन रहे जानलेवा, अफसरों ने जिम्मेदारी से मुंह मोड़ा
 

जबलपुरJul 23, 2021 / 07:54 pm

shyam bihari

jabalpur gaddha

जबलपुर। बदहाल सड़कें, जानलेवा गड्ढे, दमघोंटू जाम देखकर जबलपुर शहर के लोग घर से बाहर निकलने से डरने लगे हैं। कौन सी सड़क के किस गड्ढे में कार समा जाएगी? किस गड्ढे के बगल से गुजर रहे बाइक सवारों को डम्पर कुचलकर निकल जाएगा? इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता। किस सड़क पर जाम में घंटों उलझ जाएंगे, किस सड़क पर आगे जाने का रास्ता बंद मिलेगा, यह कह पाना मुश्किल हो गया है। जिस तरह से जबलपुर को गड्ढों का शहर बना दिया गया है, उससे लोग भारी बारिश होने के नाम से कांप रहे हैं। जिले के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव शहर प्रवास पर हैं। ‘चमचमातेÓ कार्यालय में उन्होंने पार्टी की बैठक की। कायकर्ताओं, नेताओं में चुनौतियों से निपटने का मंत्र दिया। लेकिन, कार्यालय के बाहर की अराजक हो चुकी व्यवस्थाओं पर शायद उनका ध्यान नहीं दिलाया गया। यदि वे इन तस्वीरों को देख लें। इन सड़कों से गुजर जाएं, तो कुछ बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पता चल जाएगा कि नगर निगम के अफसर, कर्मचारी किस तरह से निरंकुश हो गए हैं। उनकी हद दर्जे की गैरजिम्मेदारी का खुलासा हो जाएगा।
गड्ढे में फिर समाई कार
सड़क पर लापरवाही से छोड़ दिए गड्ढे में गुरुवार को फिर एक कार समा गई। हद तो ये कि इस बार ऐसा नगर निगम मुख्यालय के ठीक सामने ही हुआ। यहां सीवर लाइन की साइट में गड्ढा खुला छोड़ दिया गया था। आसपास ठीक से बेरीकेटिंग भी नहीं थी। इसके कारण सिविक सेंटर की ओर से दोपहिया वाहन-कारें आ-जा रही थीं। इसी दौरान दोपहर करीब 1.30 बजे एक कार सीवर के गड्ढे में समा गई। काफी मशक्कत के बाद कार को गड्ढे से निकाला जा सका। ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, फिर भी निर्माण एजेंसी और ठेकेदार कार्यशैली में सुधार नहीं ला रहे हैं। नगर निगम मुख्यालय के सामने की सड़क पर यह हाल है, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर के अन्य इलाकों की सड़कों पर किस हद तक की लापरवाही की जा रही होगी।
हादसों के इंतजार में गड्ढे
नौदराब्रिज राजीव गांधी चौराहा में भी निगम के ठेकेदारों ने सड़क में लगभग चार फीट गहरा गड्ढा खोद दिया है। इसके कारण दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। निगम की ये लापरवाही राहगीरों के लिए जानलेवा हो सकती है। छोटी लाइन मार्ग पर भी जानलेवा गड़ा है। यह हालत वहां की है, जहां दिन भर अफसरों को आना-जाना रहता है। इसके बावजूद जिम्मेदार नहीं चेत रहे हैं। उन्हें ये गडढ़ा किसी तरह का खतरा नहीं लगता।
जाम से निकलने युद्ध लडऩे से कम नहीं
फ्लाईओवर निर्माण के चलते महानद रोड, दशमेश द्वार के सामने, राइटटाउन, रानीताल, गोलबाज की गली में रोजाना दमघोंटू जाम लग रहा है। जाम में फंसने वालों को कभी भी ट्रैफिक पुलिस की मदद नहीं मिलती। जाम अपने अपने आप ही खत्म होता है। तब तक लोग सिर्फ पसीना-पसीना होते रहते हैं। एक जाम से निकलते हैं, तो आगे चलकर दूसरे जाम में फंस जाते हैं।

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