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जबलपुर

पौष पूर्णिमा व्रत आज, शाकंभरी देवी का पूजन करना श्रेयष्कर रहेगा: पंचांग

पौष पूर्णिमा व्रत आज, शाकंभरी देवी का पूजन करना श्रेयष्कर रहेगा: पंचांग
 

जबलपुरJan 10, 2020 / 10:22 am

Lalit kostha

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poush purnima puja vidhi

जबलपुर। शुभ विक्रम संवत् : 2076, संवत्सर का नाम : परिधावी, शाके संवत् : 1941, हिजरी संवत् : 1441 , मु.मास : जमादि उल, अव्वल 14, अयन : दक्षिणायण, ऋतु : शिशिर ऋतुु, मास : पौष, पक्ष : शुक्ल पक्ष
तिथि – सूर्योदय से अर्धरात्रि 12.50 मि. तक पूर्णा संज्ञक पूर्णिमा तिथि रहेगी। पश्चात नंदा संज्ञक एकम तिथि लगेगी। पूर्णिमा तिथि में जो भक्तिमान मनुष्य चंद्रमा की पूजा करता है, उसका संपूर्ण संसार पर अपना आधिपत्य हो जाता है और वह कभी नष्ट नहीं होता। प्रतिपदा तिथि में अग्निदेव की पूजा करके अमृतरूपी घृत का हवन करे तो उस हवि से समस्त धान्य और अपरिमित धन की प्राप्ति होती है।
योग- सूर्योदय से दोप. 04.46 मि. तक ऐन्द्र योग रहेगा पश्चात वैधृति योग लगेगा। ऐन्द्र योग के स्वामी पित्तरदेव माने जाते हंै जबकि वैधृति योग के स्वामी दितिदेव माने गए हैं।
विशिष्ट योग- ऐन्द्र योग को बेहद शुभ माना गया है। इसमे किए गए किसी भी कार्य की सफलता सुनिश्चित रहती है। जबकि किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए वैधृति योग का त्याग करना चाहिए।
करण- सूर्योदय से दोप. 01.42 मि. तक विष्टि नामक करण रहेगा पश्चात बव
नामक करण लगेगा। इसके पश्चात बालव नामक करण लगेगा।
नक्षत्र- सूर्योदय से दोप. 02.48 मि. तक तीक्ष्ण दारुण आद्र्रा नक्षत्र रहेगा पश्चात चर चल पुनर्वसु नक्षत्र लगेगा। अन्य कार्य सभी प्रकार के मंगल कार्यों के लिए आद्रा नक्षत्र निषिद्ध हैं। वहीं संन्यास, गृह त्याग, मुकदमेबाजी आदि कार्य आद्र्रा एवं पुनर्वसु दोनों नक्षत्र में किए जा सकते हैं। मकान, दुकान, मठ, मंदिर, छत, कुआं, सडक़ और जल संबंधी कार्य पुनर्वसु नक्षत्र में करना शुभ रहता है।

 

poush purnima puja vidhi

आज के मुहूर्त – अनुकूल समय में माघ माह के पावन पर्व में स्नान प्रारंभ करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – प्रात: 07.10 मि. से 11.11 मि. तक क्रमश: चंचल लाभ व अमृत के चौघडिय़ा रहेंगे। दोप. 12.31 मि. से 01.51 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा एवं दोप. 04.32 मि. से सायं: 05.52 मि. तक चंचल का चौघडिय़ा रहेगा।
व्रतोत्सर्व – देवपितृ कार्य की पौषी पूर्णिमा। श्रीशाकंभरी जयंती। श्रीशाकंभरी पूर्णिमा। शाकंभरी नवरात्रि समाप्त। माघ स्नान प्रारंभ। चंद्रमा – सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक चंद्रमा वायु तत्व की मिथुन राशि में रहेंगे। भद्रा – दोप. 01.42 मि. पर समाप्त भद्रा का निवास स्वर्ग में रहेगा। दिशाशूल – पश्चिम दिशा में। (अगर हो सके तो आज के दिन पश्चिम दिशा में यात्रा को टालना चाहिए)।
राहु काल – प्रात: 11.11.16 से दोप. 12.31.31 तक राहु काल वेला रहेगी। अगर हो सके तो इस समय में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।

आज जन्म लिए बच्चे- आज जन्म लिए बच्चों के नाम (ङ , छ, के, को, ह) अक्षरों पर रख सकते हैं। आज जन्मे बच्चों का जन्म चांदी के पाए में होगा। सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक मिथुन राशि रहेगी। आज जन्म लिए बच्चे शरीर से सुंदर होंगे। सामान्यत: इनका भाग्योदय करीब 15 वर्ष की आयु में होगा। ऐसे जातक स्पष्टवक्ता व मधुरभाषी होंगे। सेवाभावी होने के साथ ही ईष्र्यालु व विवादी भी रहेंगे। प्राय: स्वयं के बलबूते पर स्थापित होंगे। मिथुन राशि में जन्मे जातक को वाचाल प्रवृत्ति से बचकर रहना चाहिए। ऐसे जातक को दयालुता का भाव रखना चाहिए।

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